जानिए इस सावन में क्या बन रहा है खास संयोग, ऐसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न

सावन इस साल 6 जुलाई से शुरू हो रहा है, समापन की तारीख 3 अगस्त है. इस बार के सावन में कुछ संयोग भी बन रहा है, आईए जानते हैं वो क्या संयोग है

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2020 3:35 PM

हिन्दू धर्म में सावन का एक विशेष महत्व है, इस समय भगवान भोलेनाथ की विशेष रुप से पूजा होती है. कहा जाता है कि सावन के महीने में अगर कोई सच्चे दिल से कुछ भी मांगता है तो उसकी मनोकामनाएं पूरी जाती है. भगवान शंकर के भक्त बड़े ही उत्साह से इस पवित्र महीने में उपवास रखते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ भगवान भोलेनाथ पर जल चढ़ाते हैं. तो आइए जानते हैं कि सावन कब से शुरू हो रहा है और इस बार के स्वयं में क्या खास संयोग बन रहा है.

इस बार सावन की शुरुआत 6 जुलाई से और समापन की तारीख 3 अगस्त है. कहा जाता है कि मां पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए सावन के माह में कठोर तप की थी. संयोग से इस बार सोमवार के दिन से ही सावन की शुरूआत हो रही है और इसी दिन इसका समापन भी हो रहा है.

क्या है इसका महत्व

सावन के महीने को लोग पूरी श्रद्धा से मनाते हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि इस दिन पूरे विश्वास के साथ भोलेनाथ की पूजा करने से सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिलता है. और उनकी सारी की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.

विवाह संबंधी परेशानियां होती है दूर

यह भी मान्यता है कि सावन के माह में भगवान भोले नाथ की पूजा करने से विवाह संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं. जिन लोगों की किसी कारण वश से शादी नहीं पा रही है उन्हें इस सावन के माह में जरूर पूजा अर्चना करना चाहिए ऐसा करने से विवाह संबंधी परेशानी दूर हो जाती है.

इतना ही नहीं कुवांरी लड़कियां अगर सावन के माह में मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए उपवास रखती हैं तो उनकी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती हैं. बेल पत्र से भगवान भोलेनाथ की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना बहुत फलदायी माना जाता है.

सोमावार के दिन शिवजी की पूजा को विशेष माना जाता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ पर जल चढ़ाने से सारी की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं, साथ ही अगर आपको आपके परिवारिक जीवन में कोई समस्या हो तो पति-पत्नी दोनों को मिलकर पूरे श्रावण मास दूध, दही, घी, शहद और शक्कर अर्थात पंचामृत से भगवान शिव शंकर का अभिषेक करना चाहिए. ॐ पार्वती पतये नमः मंत्र का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करें और भगवान शिव के मंदिर में शाम के समय गाय के घी का दीपक संयुक्त रूप से जलाएं.

Posted By : sameer oraon

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