Right to Health Bill: क्या है राइट टू हेल्थ बिल? जिसका विरोध कर रहे डॉक्टर, स्वास्थ्य मंत्री ने की ये अपील
राजस्थान राइट टू हेल्थ बिल को लेकर डॉक्टरों के विरोध पर राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, हमने डॉक्टरों की सभी मांगें मान लीं. डॉक्टरों ने जो कहा सरकार ने किया. विधेयक को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. हम डॉक्टरों से अपना विरोध खत्म करने और काम पर लौटने की अपील कर रहे हैं.
डॉक्टरों के विरोध के बीच राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को प्रवर समिति द्वारा संशोधित राजस्थान स्वास्थ्य अधिकार (राइट टू हेल्थ बिल) विधेयक-2022 को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया. इधर राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों से विरोध खत्म करने की अपील की है.
हमने डॉक्टरों की सभी मांगें मान लीं : राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री
राजस्थान राइट टू हेल्थ बिल को लेकर डॉक्टरों के विरोध पर राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, हमने डॉक्टरों की सभी मांगें मान लीं. डॉक्टरों ने जो कहा सरकार ने किया. विधेयक को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. हम डॉक्टरों से अपना विरोध खत्म करने और काम पर लौटने की अपील कर रहे हैं.
क्या है राइट टू हेल्थ बिल, क्या हैं इसके लाभ
राजस्थान के प्रत्येक नागरिक को किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठान और नामित स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों पर आवश्यक शुल्क या शुल्क के पूर्व भुगतान के बिना आपातकालीन उपचार और देखभाल का अधिकार होगा. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि अस्पतालों में उपचार के लिए मरीजों को मना नहीं किया जाए. आपातकाल में इलाज का खर्चा संबंधित मरीज द्वारा वहन नहीं करने की स्थिति में पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा.
We accepted all the demands of the doctors. Govt did what the doctors said. The bill was passed unanimously in the Assembly. We are appealing to the doctors to end their protest & return to work: Rajasthan Health Minister on doctors' protest over 'Rajasthan Right to Health Bill' pic.twitter.com/8vZSFZnnwF
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 22, 2023
नियम का उल्लंघन करने पर 25 हजार तक का जुर्माना
विधेयक में पहली बार किसी प्रावधान या नियम का उल्लंघन करने पर 10,000 रुपये तक के जुर्माने और बाद में उल्लंघन करने पर 25,000 रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है.
डॉक्टरों ने बिल का किया विरोध
निजी अस्पताल व नर्सिंग होम संचालित करने वाले निजी चिकित्सकों ने इसका विरोध किया. डॉक्टरों की पुलिस के साथ भिड़ंत भी हुई. पुलिस ने विधेयक का विरोध कर रहे निजी चिकित्सकों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों (वाटर कैनन) का इस्तेमाल कर उन्हें स्टैच्यू सर्कल से विधानसभा की ओर जाने से रोका. आंदोलनकारी निजी चिकित्सक इस विधेयक के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि इससे उन पर नौकरशाही का हस्तक्षेप बढ़ेगा. पांच चिकित्सकों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री से मिला और विधेयक को वापस लेने की मांग की.