24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा, जानें चारों गुनहगारों की अंतिम इच्छा क्या थी?

16 December 2012 को निर्भया गैंगरेप के चारों आरोपियों को 20 मार्च 2020 को सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी जायेगी. इससे पहले उन चारों के नाम एक फरवरी के लिए डेथ वारंट जारी किया गया था. लेकिन कानूनी प्रक्रिया में उस तिथि को फांसी टाल दी गयी थी. उसी समय जेल प्रशासन की ओर से चारों आरोपियों से उनकी अंतिम इच्‍छा पूछी गयी थी. कानून के प्रावधानों के अनुसार उनसे एक-एक कर अंतिम इच्‍छा पूछी गयी थी.

नयी दिल्‍ली : 16 December 2012 को निर्भया गैंगरेप के चारों आरोपियों को 20 मार्च 2020 को सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी जायेगी. इससे पहले उन चारों के नाम एक फरवरी के लिए डेथ वारंट जारी किया गया था. लेकिन कानूनी प्रक्रिया में उस तिथि को फांसी टाल दी गयी थी. उसी समय जेल प्रशासन की ओर से चारों आरोपियों से उनकी अंतिम इच्‍छा पूछी गयी थी. कानून के प्रावधानों के अनुसार उनसे एक-एक कर अंतिम इच्‍छा पूछी गयी थी.

तिहाड़ जेल (दिल्ली जेल) के महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा था, ‘अदालत से डेथ-वारंट जारी होने के बाद जो कानूनी प्रक्रिया अमल में लानी चाहिए हम वो सब अपना रहे हैं. इसी के तहत चारों मुजरिमों से तिहाड़ जेल प्रशासन ने उनकी अंतिम इच्छा भी कुछ दिन पहले पूछी थी. अभी तक चार में से किसी ने भी कोई जबाब नहीं दिया है.’ 24 जनवरी 2020 को चारों आरोपियों से उनकी अंतिम इच्‍छा पूछी गयी थी.

संदीप गोयल ने कहा, ‘जेल प्रशासन ने चारों मुजरिमों से पूछा था कि डेथ-वारंट अमल में लाये जाने से पहले वे किससे किस दिन किस वक्त जेल में मिलना चाहेंगे? संबंधित के नाम, पते और संपर्क-नंबर यदि कोई हो तो लिखित में जेल प्रशासन को सूचित कर दें. ताकि वक्त रहते अंतिम मिलाई कराने वालों को जेल तक लाने का समुचित इंतजाम किया जा सके.’

जेल महानिदेशक के मुताबिक, ‘नियमानुसार दूसरी बात यह पूछी गयी थी चारों से कि क्या उन्हें अपनी कोई चल-अचल संपत्ति अपने किसी रिश्तेदार, विश्वासपात्र के नाम करनी है? मतलब अगर उन्हें कोई वसीयत आदि बनानी हो तो उसकी सूचना जेल प्रशासन को दें. अगर ऐसा है तो संबंधित शख्स/रिश्तेदार का नाम पता भी जेल प्रशासन को उपलब्ध करा दें. चार में से किसी भी मुजरिम ने दोनों ही सवालों का जबाब नहीं दिया था. जैसे ही उनका जबाब मिलेगा, जेल प्रशासन उसी हिसाब से इंतजाम शुरू कर देगा.

एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘चारों मुजरिमों ने चूंकि दोनों में से किसी भी सवाल का जवाब लिखित रूप से नहीं सौंपा था. लिहाजा उन्‍हें जेल में बाकी कैदियों की तरह ही सप्ताह में दो दिन परिवार वालों से मिलाने दिया जाता था. अगर फांसी लगने वाले दिन से पहले तक, समुचित समय के साथ मुजरिमों ने दोनों ही सवालों का जबाब नहीं दिया, तो जेल प्रशासन मान लेगा कि उन्हें कुछ नहीं कहना-सुनना है.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें