दिल्ली के तिहाड़ जेल में आज सुबह हुई गैंगवार में गैंगस्टर गैगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी गई. तिहाड़ जेल के भीतर कथित तौर पर कम से कम चार जेल कैदियों द्वारा लोहे की रॉड से वार कर दिया गया, कथित तौर पर उसके प्रतिद्वंद्वी समूह से संबंधित था. हमले के बाद 33 वर्षीय सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया को तुरंत दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. वहीं हमलावर दीपक उर्फ तीतार, योगेश उर्फ टुंडा, राजेश और रियाज खान एक ही वार्ड की पहली मंजिल पर ठहरे हुए थे.
सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. दिल्ली में अलीपुर के पास ताजपुर गाँव के निवासी टिल्लू ताजपुरिया को 2016 में उसके कई अपराधों के लिए गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में है. सितंबर 2021 में, रोहिणी अदालत परिसर में एक अदालत कक्ष के अंदर एक गोलीबारी में जितेंद्र मान उर्फ गोगी की हत्या में ताजपुरिया कथित रूप से शामिल था.
गैंगस्टर गोगी जो तिहाड़ जेल में बंद था, 24 सितंबर को सुनवाई के लिए अदालत आया था. गोगी के अदालत में प्रवेश करने के कुछ ही मिनटों के भीतर, वकीलों की पोशाक में दो बंदूकधारियों ने गोगी की गोली मारकर हत्या कर दी. टिल्लू गिरोह के सदस्य दो बंदूकधारियों को पुलिस टीम ने मार गिराया. मार्च 2020 में गिरफ्तारी तक बाहरी दिल्ली के अलीपुर का रहने वाला गोगी दिल्ली का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर था. उस पर हत्या, डकैती और जबरन वसूली के कम से कम 19 मामले दर्ज थे.
टिल्लू और गोगी के बीच प्रतिद्वंद्विता 2009-10 से है, जब दोनों दोस्त थे लेकिन बाहरी दिल्ली के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में चुनाव में अलग-अलग उम्मीदवारों का समर्थन करते थे.स्पेशल सेल के अधिकारी ने बताया कि “चुनाव के दौरान उनके बीच मतभेद पैदा हो गए और दोस्त दुश्मन बन गए. उनकी प्रतिद्वंद्विता ने 2013 से अब तक 20 से अधिक लोगों की जान ले ली है. गोगी के हमले के पीछे टिल्लू मास्टरमाइंड के रूप में उभरा. उसे गिरफ्तार किया गया और मामले में चार्जशीट किया गया,”