Hit and Run के विरोध में सड़क पर क्यों उतरे ड्राइवर? यात्री-बच्चे परेशान, महंगाई भी छू सकती है आसमान

हिट एंड रन केस को लेकर आई नई भारतीय न्याय संहिता से बड़े वाहनों के ड्राइवर परेशान हैं. उसमें 5 से 7 लाख रुपये के जुर्माने और 10 साल की कैद का प्रावधान है, जिसका विरोध ट्रक-बस ड्राइवर कर रहे हैं और 1 से 3 जनवरी तक हड़ताल कर दी है. इससे तेल, सब्जी, गैस, दूध-फल की कमी होना शुरू हो गई है.

By Kunal Kishore | January 2, 2024 1:29 PM

हिट एंड रन केस को लेकर सरकार ने भारतीय न्याय संहिता लागू की है. इसमें सजा के प्रावधान से कमर्शियल और प्राइवेट वाहनों के ड्राइवर परेशान हैं. सजा में 5 से 7 लाख रुपये के जुर्माने और 10 साल की कैद की बात कही गई है. इसका विरोध ट्रक-बस ड्राइवर कर रहे हैं और 1 से 3 जनवरी तक हड़ताल पर हैं. इससे पूरे देश में तेल, सब्जी, गैस, दूध-फल समेत अन्य जरूरी चीजों की कमी होना शुरू हो गई है.


क्या है कानून में प्रावधान

भारतीय दंड सहिता के मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अब हिट एंड रन केस में चालक को 10 साल की जेल और साथ में 7 लाख का जुर्माना लगेगा. इसे आसान भाषा में समझे तो अगर कोई ड्राइवर किसी को धक्का मार कर भाग जाता है तो उसे कानून के तहत कड़ी कार्रवाई झेलनी पड़ेगी.

Also Read: Hit And Run: महाराष्ट्र में कार चालक ने ट्रैफिक पुलिस को टक्कर के बाद 20 किलोमीटर तक घसीटा, गिरफ्तार
पहले क्या थे नियम

हिट एंड रन केस में पहले आईपीसी की धारा 279 ( लापरवाही से गाड़ी चलाना) , 304A ( लापरवाही के कारण मौत ) और 338 ( जान जोखिम में डालना). कुछ मामलों में धारा 302 भी जोड़ी जाती थी.

आखिर क्या है चिंता ड्राइवरों की

ड्राइवरों की चिंता है कि अगर उनसे एक्सिडेंट होता है तो घटनास्थल में रुकने से उन्हें भीड़ से कौन बचाएगा. आमतौर पर ऐसी घटनाओं में भीड़ का सारा गुस्सा ड्राइवर पर निकलता है. भीड़ चालक को मारने के लिए उतारू हो जाती है. चालकों की यह भी चिंता है कि अगर उनकी गलती नहीं भी है तो उन्हें इस कानून का सामना करना पड़ेगा.

Also Read: Hit and Run Law: हड़ताल पर ट्रक चालक, झारखंड में गहरा सकता है घरेलू गैस का संकट
क्या असर हो रहा है आम जीवन के ऊपर

इस हड़ताल में स्कूल वैन के ड्राइवर भी शमिल हैं. इस कारण जहां स्कूल खुल गए हैं वहां बच्चे नहीं जा पा रहे हैं. कॉलेज के छात्र क्लास नहीं कर पा रहे हैं.

नए साल में सैलानियों को घूमने-फिरने में परेशानी उठानी पड़ रही है.

पेट्रोल और डीजल की किल्लत का सामना कर पड़ सकता है. कई पेट्रोल पंपो पर तो कुछ ही दिनों का पेट्रोल एवं डीजल बचा हुआ है.

गैस टैंकर न चलने के कारण सीएनजी, पीएनजी, प्राकृतिक गैस और एलपीजी सिलेंडर की सप्लाई नहीं हो पा रही है.

बसें न चलने से स्टैंड पर लोगों की भारी भीड़ देखी जा सकती है. रोजाना इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं जैसे दूध, फल-सब्जी, दवाई, पानी पर भी असर पड़ रहा है.

यात्रियों से लिए जा रहे हैं चौगुने पैसे

हड़ताल का खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ रहा है. छोटे वाहन जैसे टेम्पो, रिक्शा, टो- टो और प्राइवेट गाड़ियां यात्रियों से तीन से चार गुना भाड़ा वसूल रहे हैं. मजबूरी में लोगों को मुंह मांगी रकम देनी पड़ रही है.

कहां- कहां पड़ा है असर

  • मध्यप्रदेश में लगभग पांच लाख छोटी-बड़ी गाड़ियां नहीं चल पा रही हैं.

  • इंदौर में सोमवार को पेट्रोल पंपों पर लोगों की लम्बी कतारें नजर आई थीं.

  • इंदौर से बाहर जाने वाली बसों का परिचालन भी प्रभावित हुआ है.

  • उत्तर प्रदेश में भी यात्रियों को परेशानी हुई.

  • नागपुर में भी पेट्रोल पंपो में भीड़ देखने को मिली.

  • पटना में भी खासा असर देखने को मिला है.

Also Read: पटना में चक्का जाम: नए कानून के खिलाफ पटना की सड़कों पर उतरे ट्रक ड्राइवर, कहा- नए कानून समस्याओं का घर

Next Article

Exit mobile version