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Vande Bharat: जानें क्यों इंडियन रेलवे ने 100 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का टेंडर किया कैंसिल?

Vande Bharat: एल्सटॉम इंडिया ने 100 वंदे भारत एक्सप्रस ट्रेन का टेंडर रद्द होने की पुष्टि की. उन्होंने हर एक वंदे भारत ट्रेन को बनाने के लिए 150.9 करोड़ रुपये की कीमत लगाई थी.

By Aman Kumar Pandey | August 16, 2024 1:19 PM
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Vande Bharat: भारतीय रेलवे ने 100 वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) ट्रेन का टेंडर कैंसिल कर दिया है. इंडियन रेलवे ने यह टेंडर महंगी कीमतों के चलते रद्द किया है. भारतीय रेलवे ने 100 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को बनाने और मेंटेनेंस के लिए 30 हजार करोड़ रुपये बजट का टेंडर निकाला था. रेलवे के इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे कम कीमत एल्सटॉम इंडिया (Alstom India) ने लगाई थी. 

इंडियन रेलवे ने क्यों कैंसिल किया टेंडर

फ्रेंच एमएनसी (MNC) एल्सटॉम इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर ओलिवियर लॉयसन (Olivier Loison) ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए बताया कि हमने हर एक वंदे भारत ट्रेन को बनाने के लिए 150.9 करोड़ रुपये की कीमत लगाई थी. लेकिन इंडियन रेलवे यह डील 140 करोड़ रुपये प्रति वंदे भारत ट्रेन पर करना चाहता था. जानकारी के लिए बता दें कि एल्सटॉम इंडिया के अलावा इस टेंडर के लिए स्विस कंपनी स्टैडलर रेल (Stadler Rail) और हैदराबाद की मेधा सर्वो ड्राइव्स (Medha Servo Drives) ने भी अपनी दावेदारी पेश की थी. वहीं अब इंडियन रेलवे इस प्रोजेक्ट के लिए एक बार फिर से नया टेंडर जारी कर सकती है. टेंडर जीतने वाली कंपनी को 7 साल में 100 एल्युमिनियम ट्रेन बनाकर देनी थीं.

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इंडियन रेलवे ने जारी नहीं किया कोई बयान

इस टेंडर पर अभी तक भारतीय रेलवे ने कोई बयान जारी नहीं किया है. लेकिन ओलिवियर लॉयसन ने पहले ही पुष्टि कर दी है. ओलिवियर लॉयसन ने कहा कि हम भारत सरकार को सपोर्ट करते रहेंगे. जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले इंडियन रेलवे ने 200 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन बनाने का टेंडर 120 करोड़ रुपये प्रति ट्रेन के हिसाब से दिया गया था. सभी वंदे भारत ट्रेन स्टील से बनी हुई थीं. 

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इंडियन रेलवे को उम्मीद थी कि 100 वंदे भारत ट्रेन के टेंडर के लिए कम से कम 5 कंपनियां सामने आएगी. हालांकि कई कंपनियां टेक्निकल राउंड में बाहर हो गई थीं. इस टेंडर जीतने वाली कंपनी को वंदे भारत ट्रेनों की डिलिवरी देने पर 13 हजार करोड़ रुपये और बाकी के 17 हजार करोड़ रुपये 35 साल तक मेंटेनेंस के नाम पर दिए जाते.

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