नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का मंगलवार को उद्घाटन किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ”विकास को प्राथमिकता देकर सभी मिलकर काम करें, तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता.”
PM Narendra Modi inaugurates the Kochi-Mangaluru natural gas pipeline, via video conferencing; says, "It is an honour to dedicate the 450-km pipeline to the nation. This is an important day for India, especially for people of Karnataka and Kerala." pic.twitter.com/G7UuoqfCOb
— ANI (@ANI) January 5, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोची-मंगलुरू पाइपलाइन दोनों राज्यों के विकास को गति देने में इसकी बहुत बड़ी भूमिका होनेवाली है. उन्होंने पाइपलाइन से होनेवाले 10 फायदे भी गिनाये. इस मौके पर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री के साथ कर्नाटक और केरल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मौजूद रहे.
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पाइपलाइन दोनों राज्यों में लाखों लोगों के लिए ईज ऑफ लिविंग बढ़ायेगी.
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दोनों ही राज्यों के गरीब, मध्यम वर्ग और उद्यमियों के खर्च कम करेगी.
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शहरों में सिटी गैस डिस्ट्रब्यूशन सिस्टम का माध्यम बनेगी पाइपलाइन.
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कई शहरों में सीएनजी आधारित ट्रांस्पोर्ट सिस्टम को विकसित करने का माध्यम बनेगी.
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मैंगलोर कैमिकल और फर्टिलाइजर प्लांट को ऊर्जा देगी, कम खर्च में खाद बनाने में करेगी मदद.
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पाइपलाइन मंगलुरु रिफाइनरी और पेट्रो कैमिकल को ऊर्जा देगी, स्वच्छ ईंधन देगी.
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दोनों ही राज्यों में प्रदूषण कम करेगी.
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प्रदूषण कम करने का सीधा असर पर्यावरण पर होगा. पर्यावरण बेहतर होने से लोगों की सेहत अच्छी होगी.
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प्रदूषण जब कम होगा, शहरों में गैस आधारित सेवा होगी, तो टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा.
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इस पाइप लाइन के निर्माण के दौरान 12 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजन हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पाइपलाइन के शुरू होने के बाद रोजगार और स्वरोजगार का एक नया इकोसिस्टम केरल और कर्नाटक में बहुत तेजी से विकसित होगा. साल 2014 तक हमारे देश में सिर्फ 25 लाख पीएनजी कनेक्शन थे. आज देश में 72 लाख से ज्यादा घरों की रसोई में पाइपलाइन से गैस पहुंच रही है. कोची-मंगलुरु पाइपलाइन से 21 लाख नये लोग पीएनजी सेवा का लाभ ले पायेंगे.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक देश में जहां 14 करोड़ एलपीजी कनेक्शन थे. वहीं, बीते छह वर्षों में इतने ही नये कनेक्शन और दिये गये हैं. उज्ज्वला योजना जैसी स्कीम से देश के आठ करोड़ से ज्यादा परिवारों के घर कुकिंग गैस तो पहुंची ही है. साथ ही इससे एलपीजी से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर भी देश में मजबूत हुआ है. इलेक्ट्रिक मोबिलिटी से जुड़े सेक्टर को, इसमें जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बहुत अधिक प्रोत्साहन दिया जा रहा है. हर देशवासी को सस्ता, पर्याप्त और प्रदूषण रहित ईंधन मिले, बिजली मिले, इसके लिए हमारी सरकार पूरी पप्रतिबद्धता से काम कर रही है.
कोच्चि-मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन 450 किलोमीटर लंबी होगी. इस पाइपलाइन का निर्माण गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा किया गया है. इसकी परिवहन क्षमता 12 मिलियन मीट्रिक मानक क्यूबिक मीटर प्रतिदिन है. यह केरल के कोच्चि स्थित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के पुनर्गैसीकरण टर्मिनल से एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, कन्नूर और कासरगोड जिले होते हुए मंगलुरु (दक्षिण कन्नड़ जिला, कर्नाटक) तक प्राकृतिक गैस ले जायेगी.
इस पाइपलाइन की सहायता से आम लोगों के घरों में पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) और परिवहन क्षेत्र को संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) के रूप में पर्यावरण के अनुकूल और सस्ती ईंधन की आपूर्ति होगी. यह पाइपलाइन अपने मार्ग में पड़नेवाले जिलों की वाणिज्यिक और औद्योगिक इकाइयों को भी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करेगी. स्वच्छ ईंधन के उपभोग के जरिये वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाते हुए वायु की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी.