Kolkata Doctor Murder Case: पुलिस की भूमिका पर सवाल, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा 14 घंटे बाद क्यों दर्ज की गई FIR

Kolkata Doctor Murder Case: कोलकाता दुष्कर्म और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. कोर्ट के इस दौरान कई सवाल खड़े किए. इस मामले में अगली सुनवाई पांच सितंबर को होगी. कोर्ट सीबीआई और पश्चिम बंगाल सरकार की स्थिति रिपोर्ट को फिर से सील करने का आदेश दिया.

By Pritish Sahay | August 22, 2024 5:44 PM

Kolkata Doctor Murder Case: कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर पूरा देश सुलग रहा है. मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई अभी जारी रहेगी. घटना को लेकर सीबीआई ने आज (22 August) को अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की. CBI ने कोर्ट में कहा कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घटना को लेकर कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह है. कोर्ट ने इसे घोर लापरवाही करार दिया. सुनवाई के दौरान सीजेआई ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की. सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले पर सुनवाई 5 सितंबर को होगी. इस दौरान SC ने पश्चिम बंगाल सरकार की स्थिति रिपोर्ट को फिर से सील करने का आदेश दिया.

क्यों 14 घंटे बाद एफआईआर दर्ज हुई

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल भी खड़े किए. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में 14 घंटे बाद एफआईआर क्यों दर्ज की गई. कोर्ट ने पुलिस की भूमिका पर संदेह जताते हुए कहा कि ऐसी घोर लापरवाही इससे पहले कभी नहीं देखी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देर रात साढ़े 11 बजे पुलिस ने FIR दर्ज की, जबकि शव इससे काफी पहले ही बरामद कर लिया गया था. सीजेआई ने सवाल किया है कि एफआईआर दर्ज करने में 14 घंटे की देरी क्यों की गई, इसका क्या कारण है.

क्यों की गई प्रिंसिपल की दूसरी जगह नियुक्ति

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल की दूसरी जगह नियुक्ति पर भी सवाल उठाए. कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि जब प्रिंसिपल को उस कॉलेज से हटाया गया तो दूसरी जगह प्रिंसिपल क्यों बनाया गया. उन्हें बर्खास्त क्यों नहीं किया गया. कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के संपर्क में कौन था. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने पुलिस इस पर घोर अचरज जताया कि पीड़िता का पोस्टमार्टम, अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने से पहले ही नौ अगस्त की शाम छह बजकर 10 मिनट से सात बजकर 10 मिनट के बीच कर दिया गया. कोर्ट ने इसे परेशान करने वाला कहा है.

काम पर लौटे चिकित्सक- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों से काम पर लौटने की अपील की है. साथ ही उन्हें आश्वासन दिया कि काम पर लौटने के बाद उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी. कोर्ट ने देश को हिला देने वाली दुष्कर्म और हत्या की इस घटना के बारे में पहली प्रविष्टि दर्ज करने वाले कोलकाता पुलिस के अधिकारी को अगली सुनवाई में पेश होकर यह बताने का निर्देश दिया कि प्रविष्टि किस समय दर्ज की गई. इस दौरान सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि मृत पीड़िता के अंतिम संस्कार के बाद देर करीब पौने 12 बजे प्राथमिकी दर्ज की गई.

चिकित्सकों को किया जा रहा है प्रताड़ित
वहीं सुनवाई के दौरान एम्स नागपुर के रेजिडेंट चिकित्सकों के वकील ने कोर्ट से कहा कि डॉक्टरों की ओर से घटना के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए चिकित्सकों को प्रताड़ित किया जा रहा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि उनके काम पर वापस आ जाने के बाद हम प्रतिकूल कार्रवाई न करने के लिए अधिकारियों पर दबाव डालेंगे. अगर चिकित्सक काम नहीं करेंगे तो जन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर इसके बाद भी कोई कठिनाई हो तो हमारे पास आएं. भाषा इनपुट के साथ

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