Kolkata Doctor Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को लगाई फटकार, कहा- हम नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं
Kolkata Doctor Murder Case: कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक डॉक्टर से कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई. जानें सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान क्या कहा
Kolkata Doctor Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक डॉक्टर से कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लिया. इस मामले में शीर्ष कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ज्यादातर युवा डॉक्टर 36 घंटे काम करते हैं, हमें काम करने की सुरक्षित स्थितियां सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय प्रोटोकॉल बनाने की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों के लिए सुरक्षा, सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए नेशनल टास्क फोर्स बनाने की बात कही और इसके लिए 10 सदस्यीय कार्य बल गठित किया. कोर्ट में अब 22 अगस्त को मामले की सुनवाई होगी.
पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगायी
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य का आचरण जांच के घेरे में है तो उन्हें कैसे तुरंत किसी दूसरे कॉलेज में नियुक्त कर दिया गया. कोर्ट ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगायी और पूछा कि अस्पताल के प्राधिकारी क्या कर रहे थे.
बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह से विफल: सॉलिसिटर जनरल
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा पश्चिम बंगाल को चीजों को नकारने की स्थिति में न रहने दें, राज्य में कानून एवं व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गयी है. सात हजार लोगों की भीड़ कोलकाता पुलिस की जानकारी के बिना आर जी कर अस्पताल में नहीं घुस सकती है.
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई की बड़ी बातें
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पीड़िता के परिवार को बॉडी नहीं देखने दिया गया. 7000 लोग अस्पताल में घुसे, पुलिस क्या कर रही थी.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अस्पताल में बहुत ही गंभीर वारदार हुई. हम एक नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं.
- सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई कि सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर की गई. सीजेआई ने कहा कि हर जगह हमने देखा कि पीड़िता की पहचान सामने आ गई, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए.
- सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि प्रिंसिपल ने हत्या को शुरुआत में आत्महत्या क्यों बताया?
- सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट तलब किया है. जांच एजेंसी को गुरुवार तक का समय दिया गया है. सीबीआई से पूछा गया कि उसने अब तक क्या कदम उठाए और जांच कहां तक पहुंचा.
- सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर्स से हड़ताल से वापस लेने का भी आह्वान किया है.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने स्वत: संज्ञान लिया है क्योंकि यह मामला देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़े व्यवस्थागत मुद्दे को उठाता है.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं और काम करने की स्थितियां सुरक्षित नहीं हैं तो हम उन्हें समानता से वंचित कर रहे हैं.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को प्रदर्शनकारियों पर बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों से आग्रह है कि वे काम पर लौट जाएं. हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं. हम इसे हाईकोर्ट के लिए नहीं छोड़ सकते हैं. ये बड़ा राष्ट्रहित का मामला है.
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में डॉक्टर से दुष्कर्म-हत्या की घटना पर कहा कि ऐसा लगता है कि अपराध का पता सुबह-सुबह ही चल गया था लेकिन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की. कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को फटकार लगाते हुए पूछा कि हजारों लोगों की भीड़ आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कैसे घुसी.
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22 अगस्त तक सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को मामले में जांच पर 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को आरजी कर अस्पताल पर भीड़ के हमले की जांच की प्रगति पर 22 अगस्त तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार यह सुनिश्चित करे कि आरजी कर अस्पताल पर हमला करने वाले उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए.
सीबीआई कर रही है जांच
कलकत्ता हाई कोर्ट ने हाल ही में मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर किया था. कोलकाता में सरकारी अस्पताल के ‘सेमिनार हॉल’ में ‘जूनियर डॉक्टर’ से कथित दुष्कर्म और हत्या की वारदात के बाद देशभर में व्यापक स्तर पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं.