Kolkata Incident: देश में बलात्कार की बढ़ती घटना पर सामाजिक संगठनों ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन
कोलकाता में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या काे लेकर पूरे देश में आंदोलन चल रहा है. लेकिन इस घटना के बाद भी देश के कई राज्यों से ऐसी घटना लगातार सामने आ रही है. महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा पर रोक लगाने के लिए कई संगठनों ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन
Kolkata Incident: कोलकाता में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के अलावा अन्य राज्यों से भी ऐसे मामले सामने आने को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर महिला समूह, सिविल सोसाइटी, ट्रेड यूनियन, छात्र संगठन और अन्य संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में 35 से अधिक संगठनों और आम लोगों ने ऐसे जघन्य वारदात में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कोलकाता स्थित आरजी कर अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ जघन्य बलात्कार और हत्या के मामले को संस्थान और स्थानीय अधिकारियों द्वारा दबाने की कोशिश से साफ जाहिर होता है कि मौजूदा व्यवस्था ऐसी हिंसा के प्रति संवेदनशील नहीं हैं.
महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं में नहीं आ रही है कमी
कोलकाता बलात्कार और हत्या के कुछ दिनों के अंदर ही उत्तराखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश से यौन हिंसा के कई संगीन मामले सामने आए हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि देश भर में महिलाओं और युवा लड़कियों के खिलाफ हिंसा जारी है. यह चिंता का कारण है कि निर्वाचित प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी और कुछ राजनीतिक दल ऐसे मामले में न्याय दिलाने की बजाय सरकारी तंत्र की विफलता पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे है, जबकि कुछ पीड़िता को न्याय दिलाने की बजाय राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश में जुटे हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ऐसे अपराधों की रोकथाम के बारे में चिंतित होने के बजाय, राज्य और केंद्र सरकार बयानबाजी में उलझ रही है.
ममता सरकार ने नहीं उठाए सख्त कदम
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार ने इस जघन्य अपराध को दबाने की कोशिश है. मामले की आत्महत्या बताने की साजिश रची गयी. प्रिंसिपल पर कार्रवाई करने की बजाय सरकार ने उसे दूसरे कॉलेज की जिम्मेदारी सौंपी, लेकिन जन दबाव के बाद आदेश को वापस लेना पड़ा. अब अदालत के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई कर रही है और जांच एजेंसी को निष्पक्ष तरीके से करनी चाहिए. गौरतलब है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार हर साल बलात्कार के लगभग 30000 मामले दर्ज किए जाते हैं. यानी हर दिन औसतन लगभग 86 बलात्कार हो रहे हैं और इस मामले में दोषसिद्धि दर 27 फीसदी से भी कम है.