ममता के राज में कितने ‘फर्जी अधिकारी’? अब कोलकाता में IB के फेक ASI राजीव चक्रवर्ती की गिरफ्तारी

कोलकाता पुलिस ने बताया मंगलवार की शाम बिना हेलमेट के बाइक से जा रहे राजीव चक्रवर्ती को रोका गया. उसके साथ एक अन्य युवक भी था. पुलिस ने राजीव का चालान काटना चाहा तो उसने खुद को खुफिया विभाग का एएसआई बताया. जब पुलिस ने पहचान पत्र मांगा तो राजीव ने आइडेंटिटी कार्ड दिखा दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2021 3:34 PM

पश्चिम बंगाल में फर्जी अधिकारियों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है. अब, कोलकाता पुलिस ने खुफिया विभाग में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) के रूप में काम करने का दावा करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है. उसकी गिरफ्तारी की वजह बनी हेलमेट. दरअसल, पश्चिम बंगाल में लगातार फर्जी अधिकारियों की गिरफ्तारी हो रही है. इसके पहले फर्जी आईएएस अधिकारी देबांजन देब की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी ने ममता बनर्जी की सरकार पर खूब हमले किए थे.

Also Read: अफगानिस्तान में रहने वाले बंगालियों की तलाश में ममता सरकार, सभी जिलों के DM को लिस्ट बनाने के निर्देश

कोलकाता पुलिस ने बताया मंगलवार की शाम बिना हेलमेट के बाइक से जा रहे राजीव चक्रवर्ती को रोका गया. उसके साथ एक अन्य युवक भी था. पुलिस ने राजीव का चालान काटना चाहा तो उसने खुद को खुफिया विभाग का एएसआई बताया. जब पुलिस ने पहचान पत्र मांगा तो राजीव ने आइडेंटिटी कार्ड दिखा दिया. ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी ने तुरंत राजीव की तिकड़म को पहचान लिया और गिरफ्तार कर लिया. उसके साथ जा रहे एक अन्य युवक से पूछताछ की गई.

पुलिस का कहना है राजीव चक्रवर्ती से पूछताछ की जा रही है. उसके ठिकाने की तलाशी भी की जाएगी. यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी, कहीं उसने फर्जी अधिकारी बनकर लोगों से ठगी तो नहीं की है. उसके जान-पहचान वालों को भी जांच में शामिल किया जाएगा. पुलिस की पूरी कोशिश है इस गंभीर मामले की जांच करके हर जरूरी जानकारियों को जुटा लिया जाए.

Also Read: अफगानिस्तान में रहने वाले बंगालियों की तलाश में ममता सरकार, सभी जिलों के DM को लिस्ट बनाने के निर्देश

अगर बंगाल की बात करें तो पिछले कुछ महीने में कई फर्जी अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. फर्जी आईएएस अधिकारी देबांजन देब की गिरफ्तारी के बाद तो बीजेपी ने ममता बनर्जी पर गंभीर इल्जाम लगाए थे. देबांजन देब ने फर्जी कोरोना वैक्सीनेशन कैम्प लगाकर सैकड़ों लोगों को बेवकूफ बनाया था. यहां तक कि टीएमसी सांसद मिमी चक्रवर्ती भी देबांजन देब के झांसे में आ गई थी. मिमी चक्रवर्ती ने भी फर्जी कैम्प में शामिल होकर कोरोना से बचाव की वैक्सीन ली थी. मिमी ने सर्टिफिकेट नहीं मिलने पर शिकायत की और देबांजन की पोल खुल गई.

Next Article

Exit mobile version