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Konkurs-M 19 सेकेंड में 75 से 4 हजार मीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम, दुश्मनों का करेगा ये हाल …

कोंकर्स-एम का निर्माण बीडीएल द्वारा एक रूसी ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) से प्राप्त लाइसेंस समझौते के तहत किया जा रहा है.

भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल)और भारतीय सेना ने कोंकर्स एंटी टैंक मिसाइलों के निर्माण और आपूर्ति के लिए 3131.82 करोड़ रुपये के एक करार पर हस्ताक्षर किया. यह काॅन्ट्रैक्ट तीन साल में लागू कर दिया जायेगा.

रूसी तकनीक से हुआ है निर्माण

बीडीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कमोडोर सिद्धार्थ मिश्रा (रिटायर्ड) ने बताया कि कोंकर्स-एम का निर्माण बीडीएल द्वारा एक रूसी ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) से प्राप्त लाइसेंस समझौते के तहत किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मिसाइल को अधिकतम सीमा तक स्वदेशी बनाया गया है. बीडीएल कोंकर्स-एम मिसाइल का निर्माण मित्र देशों को निर्यात करने के लिए भी कर रहा है.

कोंकर्स-एम मिसाइल की खासियत

कोंकर्स-एम मिसाइल सेकेंड जेनेरेशन की मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है, जो एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर से लैस बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने के लिए है. कोंकर्स-एम मिसाइल को बीएमपी-II टैंक से या फिर सतह से लाॅन्च किया जा सकता है. यह मिसाइल 19 सेकेंड में 75 से 4 हजार मीटर तक की दूरी तक वार कर सकता है.

बीडीएल ने बढ़ाई अपनी उत्पादन क्षमता

बीडीएल ने कोंकर्स-एम की घरेलू और विदेशी मांग को पूरा करने के लिए अपनी उत्पादन क्षमता में वृद्धि की है. बीडीएल कोंकर्स-एम के अलावा मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, नाग, मिलन -2 टी और अमोघा को भी निर्यात के लिए पेश कर रहा है.

आत्मनिर्भर भारत मिशन से हुआ लाभ

बीडीएल विदेशी ओईएम के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ अपने उत्पादों के स्वदेशीकरण पर बहुत जोर दे रहा है. सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा निर्माता ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत मिशन ने कंपनी के स्वदेशीकरण के प्रयासों को गति दी है.

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