पहाड़ी पर स्थित है कोझिकोड एयरपोर्ट, लैंडिंग के लिए माना जाता है खतरनाक, दी गयी थी वॉर्निंग
एयर इंडिया का विमान शुक्रवार को कोझिकोड एयरपोर्ट पर लैंडिंग के वक्त फिसल गया. हादसे में विमान के दो टुकड़े हो गये जिसमें पायलट समेत 16 की मौत हो गयी. वहीं, 170 लोग को सफलतापूर्वक मलबे से निकाल लिया गया.
एयर इंडिया का विमान शुक्रवार को कोझिकोड एयरपोर्ट पर लैंडिंग के वक्त फिसल गया. हादसे में विमान के दो टुकड़े हो गये जिसमें पायलट समेत 16 की मौत हो गयी. वहीं, 170 लोग को सफलतापूर्वक मलबे से निकाल लिया गया. इस दौरान गनीमत रही कि सामने का हिस्सा खाई में गिरने से बच गया. वरना इससे भी बड़ा हादसा हो सकता था. दरअसल, केरल का कोझिकोड एयरपोर्ट भौगोलिक रूप से ‘टेबलटॉप’ एयरपोर्ट है. जिसे लैडिंग के लिए खतरनाक माना जाता है. कुछ अधिकारियों और जानकारों का कहना है कि फिसलते वक्त शुक्र है कि विमान में आग नहीं लगी, वरना हादसे में बहुत सारे लोगों की जान जा सकती थी.
क्या है टेबलटॉप रनवे
इस हादसे के होने में टेबलटॉप रनवे को भी वजह माना जा रहा है. टेबलटॉप एयरपोर्ट का मतलब है कि हवाई पट्टी के इर्द-गिर्द घाटी होती है. टेबलटॉप में रनवे खत्म होने के बाद आगे ज्यादा जगह नहीं होती है. इसी कारण रनवे पर फिसलने के बाद विमान घाटी में जा गिरा. जहां उसे दो टुकड़े हो गये. टेबलटॉप रनवे में जोखिम काफी ज्यादा होता है. लैंडिंग और उड़ान दोनों के दौरान काफी सावधानी बरतनी होती है. जिसके कारण पायलट भी काफी ट्रेंड होने जरूरी होते हैं. ऐसे एयरपोर्ट पर लैंडिंग कराने वाले पायलटों की संख्या कम ही होती है. ज्यादातर टेबलटॉप रनवे पठार या पहाड़ के टॉप पर बने होते हैं.
देश में तीन एयरपोर्ट हैं टेबलटॉप
देश में ऐसे तीन एयरपोर्ट हैं, जो बेहद ऊंचाई पर स्थित हैं. इन्हें टेबलटॉप रनवे कहा जाता है. इनमें एक केरल के मलाप्पुरम में स्थित कोझिको इंटरनेशनल एयरपोर्ट है. दूसरा एयरपोर्ट कर्नाटक के मंगलुरु में है. तीसरा एयरपोर्ट मिजोरम में है.
10 साल पहले भी ठीक ऐसे ही हुआ था विमान हादसा
कोझिकोड एयरपोर्ट पर लैंडिंग के वक्त हुए विमान हादसे ने करीब 10 साल पहले मंगलुरु में एयर इंडिया एक्सप्रेस के ही एक विमान के साथ हुए हादसे की याद ताजा कर दी है. यह भी संयोग है कि वह विमान भी दुबई से ही आ रहा था. 22 मई, 2010 को एयर इंडिया की दुबई से मंगलोर आ रही फ्लाइट संख्या 812 लैंडिंग के वक्त रनवे को पार करते हुए पहाड़ी में जा गिरी थी. उस हादसे में158 लोगों की मौत हो गयी थी. सिर्फ 8 यात्री ही बच सके थे. राहत की बात यह है कि मंगलुरु हादसे में प्लेन में आग लग गयी थी, लेकिन कोझिकोड में हुए हादसे में प्लेन में आग नहीं लगी.
2020
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का प्लेन कराची के रिहाइशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त, 97 लोगों की हो गयी थी मौत.
2018
1. ईरान के जाग्रोस पर्वत पर हुए यात्री विमान के हादसे में सभी 66 लोगों की मौत हो गयी थी. 2. काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बांग्लादेश का प्लेन लैंडिंग के दौरान क्रैश, 49 मरे
2016 ब्राजील के एक फुटबाल क्लब की टीम को लेकर जा रहा विशेष विमान दुर्घटनाग्रस्त, 75 की मौत.
2014 अल्जीरिया में सैन्य वाहक विमान सी -130 दुर्घटनाग्रस्त, 78 लोग मारे गये.
2013
1. तातरस्तान एयरलाइंस का बोइंग 737 कजान एयरपोर्ट (रूस) में उतरते समय क्रैश, 50 लोगों की मृत्यु.
2. लाओ एयरलाइंस की फ्लाइट एटीआर 72-600 उतरते वक्त मेकांग नदी में गिरी, सभी 49 सवार मरे.
पहले भी किया गया था अलर्ट, फिर भी हुई चूक :
2010 में मंगलुरु एयरपोर्ट में हुए हादसे के बाद इस तरह के टेबलटॉप एयरपोर्ट को सुरक्षित बनाने की बात हुई थी. लेकिन, कोझिकोड़ हादसे को देखकर ऐसा लग रहा है कि कोई सीख नहीं ली गयी. उस समय टेबलटॉप एयरपोर्ट की लंबाई बढ़ाने की बात की गयी थी. लेकिन, एयरपोर्ट के अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
Post by : Pritish Sahay