केरल: इतनी सुरक्षा के बाद भी आखिर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को कैसे दिखाया गया काला झंडा ?
कांग्रेस ने कहा है कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन इतने कायर हो गये हैं कि सड़क किनारे खड़े बच्चों के भी काला झंडा लहराने पर भागकर हजारों पुलिसर्मियों के बीच चले जाएंगे.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की कासरगोड यात्रा के दौरान यूथ कांग्रेस के तीन कार्यकर्ताओं को कासरगोड में निवारक हिरासत में भेज दिया गया है. खबरों की मानें तो यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रविवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को कोझिकोड में कई जगहों पर काले झंडे दिखाये थे. इस घटना के बाद पुलिस जो बात सामने आयी है उसके अनुसार गवर्नमेंट आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज मीनचंदा (कोझिकोड) में होने वाले कार्यक्रम को लेकर ड्रेस कोड जारी किया गया था.
पुलिस की ओर से कहा गया था कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यक्रम में ब्लैक ड्रेस पहनकर छात्र नहीं पहुंचे. ड्रेस को लेकर कॉलेज प्रशासन ने भी छात्रों से अपील की थी कि वे इस तरह के ड्रेस पहनकर कॉलेज ना आएं. इसके बाद भी इस तरह की घटना होने के बाद कॉलेज प्रशासन के होश उड़ गये हैं. बताया जा रहा है कि कॉलेज के विद्धार्थियों से ब्लैक ड्रेस पहनकर नहीं आने को कहा गया था लेकिन कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं था. कॉलेज के प्रिंसिपल एडकोट्टे शाजी ने बताया कि पुलिस और कॉलेज प्रशासन की बैठक एक दिन पहले हुई थी जिसमें ड्रेस कोड पर बात हुई थी.
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद केरल में विपक्षी दल कांग्रेस की प्रतिक्रिया आयी है. कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि जनता को काले मास्क पहनने या अंत्येष्टि तक में काले झंडे का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देने वाले मुख्यमंत्री पिनराई विजयन अब राज्य की जनता के समक्ष हंसी के पात्र बन गये हैं. विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री ऐसे ‘कायर’ बन गये हैं जो पुलिसकर्मियों के पीछे छिपते हैं.
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माकपा की प्रतिक्रिया
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने इसके पहले काले झंडे वाले प्रदर्शनकारियों का जिक्र कांग्रेस के ‘आत्मघाती दस्ते’ के रूप में किया था.
भाषा इनपुट के साथ