KPSS to Kashmiri Pandits: कश्मीरी पंडितों से केपीएसएस ने कहा, छोड़ दो कश्मीर वरना जान से मारे जाओगे
KPSS to Kashmiri Pandits: जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों ने मंगलवार को दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर हमला कर दिया, जिसमें एक भाई की मौत हो गई. जबकि, दूसरा घायल हो गया. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोपियां जिले में हुई इस हत्या की निंदा की है.
KPSS to Kashmiri Pandits: जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों ने मंगलवार को दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर हमला कर दिया, जिसमें एक भाई की मौत हो गई. जबकि, दूसरा घायल हो गया. बता दें कि कश्मीर घाटी में पिछले एक हफ्ते में आतंकवादियों ने हमले बढ़ा दिए हैं. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोपियां जिले में हुई इस हत्या की निंदा की है. इन सबके बीच, कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) ने आतंकवादियों द्वारा कि जा रही कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों की हत्या के मद्देनजर मंगलवार को समुदाय के लोगों से घाटी छोड़ने की अपील की है. केपीएसएस ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी छोड़ देना चाहिए, वरना कट्टर दिमागों द्वारा सभी मारे जाएंगे.
सभी कश्मीरी पंडितों की हत्या कर देंगे आतंकी: केपीएसएस
केपीएसएस के प्रमुख संजय टिक्कू ने कहा कि कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडित पर आतंकवादियों द्वारा किए गए एक और हमले के जरिए आतंकवादियों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे कश्मीर घाटी के सभी कश्मीरी पंडितों की हत्या कर देंगे. संजय टिक्कू ने कहा कि उन्होंने सभी कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने और जम्मू, दिल्ली जैसे सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है.
कब तक ऐसे ही मरते रहेंगे कश्मीरी पंडित?
संजय टिक्कू ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा कि हमने पिछले 32 वर्षों से यही देखा है. उन्होंने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों खासतौर पर कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रही है. हम कब तक ऐसे ही मरते रहेंगे? बहुत हो गया. केपीएसएस प्रमुख ने कहा कि खुफिया सूचना थी कि आतंकवादी, समुदाय के और लोगों को निशाना बना सकते हैं जिसके बाद मंगलवार के हमले में जिन लोगों को निशाना बनाया गया है उन्होंने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा कि यह दुर्भागयपूर्ण है कि अधिकारियों ने उनसे कहा कि उन्हें उनके गावों में रहना है. यह क्या बात हुई? उनके पास हमला होने की आशंका की जानकारी थी और उसके बाद भी उन्होंने हमें सुरक्षा नहीं दी.