Krishi Bill 2020, Farm Laws: कृषि कानून के देश में हो रहे विरोध के बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javdekar) कानून का विरोध कर रहे विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाया है कि विपक्षी पार्टियां बिचौलियों के बिचौलियों (Middleman of middleman) का काम कर रहे हैं. पत्रकारों से बात करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने यह बातें कही. किसान कानूनों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए केंद्र की पहल पर केंद्रीय मंत्री ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन पत्रकारों से बात करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि कि वास्तविक स्थिति यह है कि किसानों को अपनी उपज के मुताबिक दाम नहीं मिलता है, जबकि ग्राहक महंगे दाम में फसल और सब्जी खरीदते हैं.
जावड़ेकर ने बताया कि यह कृषि कानून किसान और ग्राहक के बीच से बिचौलियों को खत्म करने के लिए क्योंकि बिचौलिये कम दाम में खरीदते हैं और ज्यादा दाम में बेचते हैं. इस कानून से बिचौलियों की समस्या खत्म हो जायेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि “विपक्षी दल दलालों के भी दलाल बन गए हैं”
केंद्रीय मंत्री ने यह दावा किया कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन अपने दम पर खत्म हो जाएगा, क्योंकि झूठ की उम्र ज्यादा नहीं होती है. सत्य हमेशा रहता है. मंत्री ने कहा, “मिथ्यात्व ने जीवन को सीमित कर दिया “कांग्रेस और एनसीपी ने कृषि बिलों के विरोध में अपना अभियान शुरू किया. मैं उनसे उनके घोषणापत्र को देखने के लिए कहने जा रहा हूं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने भाषणों में ऐसे (कृषि) सुधारों के बारे में बात की है. लेकिन, कांग्रेस ने यू-टर्न, ले लिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल “मिथक” फैला रहे हैं कि नए कानून के तहत एपीएमसी (कृषि उपज बाजार समितियां) बंद हो जाएंगी और सरकार उपज की खरीद बंद कर देगी या न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को रोक दिया जाएगा.
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जावड़ेकर ने यह भी कहा कि इन विधेयकों के पारित होने पर राज्यसभा में विपक्षी नेताओं का आचरण “निंदनीय और शर्मनाक” था. मापूसा शहर में शनिवार हुए कृषि कानून के विरोध पर मंत्री ने कहा कि उन्हें संदेह है कि जो लोग विरोध कर रहे थे वे असली किसान थे. उन्होंने कहा कि देश की 60 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र में शामिल है, लेकिन सकल घरेलू उत्पाद में उनका योगदान 15 प्रतिशत है.
उन्होंने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने और उन्हें देश के बाहर बाजार देने की भी जरूरत है ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो. जावड़ेकर ने कहा कि जब वह स्कूल में थे, तब देश की आबादी 30 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 138 करोड़ हो गई है, लेकिन इसके बावजूद उनके पास भोजन की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा, “हम उन किसानों के शुक्रगुजार हैं, जो हमारे देश का भरण पोषण कर रहे हैं. “
Posted By: Pawan Singh