लोकसभा में सोमवार को पेश होगा कृषि कानूनों को रद्द करने संबंधी विधेयक, आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक
krishi kanoon updates : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को ही तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयक को सूचीबद्ध किया जायेगा.
krishi kanoon : केंद्र की मोदी सरकार तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन यानी सोमवार को लोकसभा में पेश करने का काम करेगी. लोकसभा की सोमवार की कार्यसूची में इसे सूचीबद्ध कर दिया गया है. इधर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर कहा कि वे सोमवार को सदन में उपस्थित रहें. इन सबके बीच सरकार की ओर से संसद को सुचारू ढंग से चलाने के लिए रविवार को यानी आज सभी दलों की सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
इधर देश में अब पराली जलाना अपराध की श्रेणी में नहीं आयेगा. यह घोषणा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को की. उन्होंने कहा कि यह किसान संगठनों की बड़ी मांगों में से एक मांग थी कि पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखा जाये, इसलिए किसानों की यह मांग केंद्र सरकार ने मान ली है. इस दौरान कृषि मंत्री ने किसान संगठनों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि कृषि कानूनों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गयी है, इसलिए अब किसान आंदोलन का कोई औचित्य नहीं बनता है.
संसद के पहले दिन सूचीबद्ध होगा कृषि कानून वापसी का विधेयक
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को ही तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयक को सूचीबद्ध किया जायेगा. पीएम मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून बिल को वापस लिये जाने की घोषणा के बाद मोदी कैबिनेट ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी.
समस्या हल करने के लिए कमेटी, शामिल होंगे किसान प्रतिनिधि
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से किसानों की समस्याओं के निवारण के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि इस कमेटी के गठन से किसानों की एमएसपी संबंधित मांग भी पूरी हो गयी है. उन्होंने कहा कि एमएसपी में पारदर्शिता, जीरो बजट खेती और फसल विविधीकरण लाने के लिए एक समिति का गठन करने की घोषणा की है इस समिति में किसान प्रतिनिधि होंगे.
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मुकदमे वापस लिये जाने, मुआवजा दिये जाने का अधिकार राज्य का
किसानों पर मुकदमे और मुआवजे का निर्णय राज्य का कृषि मंत्री ने कहा कि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किये गये मुकदमों को वापस लिये जाने और उन्हें मुआवजा दिये जाने का अधिकार राज्य सरकारों का है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकारें मुकदमे की गंभीरता को देखते हुए अपने-अपने राज्य की नीति के अनुसार निर्णय ले सकती हैं.
एक नजर मुख्य बातों पर
-किसानों ने 29 नवंबर को ट्रैक्टर से होने वाली संसद मार्च को किया स्थगित
-बॉर्डर पर जमे प्रदर्शनकारी, पुलिस भी सतर्क
-सिंघु, टीकरी और यूपी बॉर्डर पर बढ़ रहे प्रदर्शनकारी, यूपी बॉर्डर पर हुई पंचायत में आंदोलन को लेकर रणनीति पर हुई चर्चा
-भारी संख्या में जवानों को किया गया तैनात पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर बॉर्डर, अप्सरा बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर को किया गया सील
Posted By : Amitabh Kumar