17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

क्रिया योग से एक सात्विक मस्तिष्क, हृदय और तंत्रिकाओं का निर्माण होता है : स्वामी चिदानंदजी

स्वामी चिदानंदजी ने भक्तों को क्रियायोग गुरुओं की शरण लेने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि अगर आप क्रियायोग की शरण लेते हैं तो वह आपको मौन, शांति, ज्ञान और आनंद के मंदिर में ले जाता है.

निरंतर ईश्वर के सानिध्य में रहना ही सफलता का मार्ग है. रात्रि में अपने ध्यान में उनके सानिध्य में रहें और प्रातःकाल जब आप सोकर उठें तो उन्हें अपने समीप अनुभव करते हुए संसार के साथ संघर्ष करने के लिए तैयार रहें.… तब ही आप वह कर सकते हैं जिसका परामर्श हमारे गुरुदेव ने दिया है, ‘हे संसार आगे बढ़ो, मैं तुम्हारे लिए तैयार हूं. ’ उक्त बातें योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया/सेल्फ-रियलाइजेशन फेलोशिप (वाईएसएस/एसआरएफ) के अध्यक्ष एवं आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी चिदानंदजी ने 16 फरवरी 2023 को हैदराबाद के कान्हा शान्ति वनम् में आयोजित वाईएसएस संगम 2023 के समापन समारोह में कही.

क्रियायोग की कुंजी से माया के बंधन से मुक्त संभव

स्वामी चिदानंदजी ने कहा, हमने माया के बंधन में प्रवेश करने के लिए विचारशक्ति का प्रयोग नहीं किया था और विचारशक्ति के प्रयोग से हम उसके बंधन से मुक्त भी नहीं हो सकते हैं. क्रियायोग की कुंजी से हम माया के बंधन से मुक्त होने का मार्ग खोज सकते हैं. उन्होंने आगे कहा, क्रियायोग एक महान शोध है क्योंकि उसके माध्यम से हम तामसिक गुणों से मुक्ति प्राप्त करते हैं. क्रिया योग व्यक्ति को सात्त्विक गुणों की जागृति का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करता है. इस पांच दिवसीय आध्यात्मिक संगम में तीन हजार से अधिक भक्तों ने शिरकत की और क्रियायोग के महत्व को समझा.

जब आत्मा परमात्मा में विलीन हो जाती है

क्रियायोग को समझाते हुए स्वामी चिंदानंदजी ने कहा कि योग से एक सात्विक मस्तिष्क, एक सात्विक हृदय और सात्विक तंत्रिकाओं का निर्माण होता है. जब सात्विक गुणों की अभिव्यक्ति से लोगों में व्यक्तिगत परिवर्तन होगा तो संसार भी परिवर्तित होगा. स्वामी चिदानंदजी ने भक्तों को क्रियायोग गुरुओं की शरण लेने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि अगर आप क्रियायोग की शरण लेते हैं तो वह आपको मौन, शांति, ज्ञान और आनंद के मंदिर में ले जाता है, जहां आत्मा परमात्मा में विलीन हो जाती है तथा आपको इसका अनुभव होता है.

Undefined
क्रिया योग से एक सात्विक मस्तिष्क, हृदय और तंत्रिकाओं का निर्माण होता है : स्वामी चिदानंदजी 2
यह संगम ईश्वर का आशीर्वाद

इस आध्यात्मिक संगम में शामिल हुए हैदराबाद के एक भक्त ने कहा कि स्वामी चिदानंदजी और वाईएसएस संन्यासियों के साथ सत्संग से हमें अत्यंत आनंद की प्राप्ति हुई. विशेष रूप से स्वयं स्वामी चिदानन्दजी द्वारा संचालित दीर्घ ध्यान-सत्र में भाग लेना बहुत सुखकारी था. मेरे लिए यह एक महान और दुर्लभ आशीर्वाद है. जबलपुर, मध्य प्रदेश की एक युवा भक्त ने कहा कि उनके लिए यह उनके व्यस्त जीवन से एक सुखद संक्षिप्त अवकाश था और मैं अपनी साधना पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर सकी और सभी वस्तुओं की अपेक्षा ईश्वर के प्रेम की खोज करने वाले मेरे जैसे हज़ारों अन्य लोगों के सानिध्य में समय व्यतीत कर सकी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें