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जगह-जगह कोरोना विस्फोट शुरू
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मध्य प्रदेश के विदिशा में कुंभ से लौटे 83 श्रद्धालुओं में से 60 कोरोना संक्रमित पाये गये
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22 के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही
Corona Death : देश में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से प्रसार कर रहा है. इसी बीच एक बड़ी खबर हरिद्वार के कुंभ स्नान से जुड़ी आ रही है. जगह-जगह कोरोना विस्फोट शुरू हो चुका है. रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के विदिशा में कुंभ से लौटे 83 श्रद्धालुओं में से 60 कोरोना संक्रमित पाये गये हैं. वहीं 22 के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है.
जानकारी के अनुसार विदिशा जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्यारसपुर का ये मामला है. विदिशा जिला प्रशासन का इस संबंध में बयान सामने आया है. प्रशासन की मानें तो 83 तीर्थयात्री तीन अलग-अलग बसों में 11 से 15 अप्रैल के बीच हरिद्वार के लिए रवाना हुए थे.
एक अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी दी है कि ये सभी पहले ग्यारसपुर से मुख्यालय कार में पहुंचे, फिर बस में मुख्यालय से हरिद्वार का रुख किया. स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक तीर्थयात्री 25 अप्रैल को ग्यारसपुर लौट आए. इनके लौटने के बाद इनका पता लगाया गया और उनका परीक्षण करने का काम किया गया.
स्वास्थ्य विभाग ने इस बाबत बताया कि हरिद्वार 83 श्रद्धालु गए थे, जिसमें से केवल 61 की ही जानकारी मिल सकी है. विभाग ने बताया कि 22 का अब तक पता नहीं चला है. प्रशासन उनकी जानकारी जुटाने में लगा हुआ है. जिन 61 का पता चला, उसमें से 60 कोरोना संक्रमित पाये गये हैं.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो पॉजिटिव मिले 60 में से 5 की हालत गंभीर बनी हुई है, उन्हें कोविड सेंटर में शिफ्ट करने का काम किया गया है. इसके अलावा बाकी 55 संक्रमितों को होम कोरेंटिन किया गया है. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कुंभ से आने वालों पर नजर बनी हुई है. ऐसा इसलिए ताकि उन्हें यदि समय पर अलग-थलग नहीं किया गया तो वे सुपर स्प्रेडर बन जाएंगे.
यहां चर्चा कर दें कि हरिद्वार कुंभ के दौरान ही कई लोग कोरोना संक्रमित हो गए थे. इस दौरान कई साधु-संतों की जान भी गई थी.
ऋषिकेश : कोरोना संक्रमित दो साधुओं की यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में मृत्यु हो गई. एम्स के चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों साधुओं की मृत्यु बुधवार को हुई. पचास वर्षीय मनीष भारती को हरिद्वार कुंभ क्षेत्र से 15 अप्रैल को यहां लाकर भर्ती किया गया था जबकि 94 वर्षीय लाखन गिरी 19 अप्रैल को भर्ती हुए थे. दोनों साधु निरंजनी अखाडे़ से जुडे थे जिनमें से गिरी निरंजनी अखाड़े के श्रवणनाथ मठ के संचालक थे.
Posted By : Amitabh Kumar