सात दशक बाद भारत पहुंचे चीतों के लिए आखिर कूनो नेशनल पार्क काे ही क्यों चुना गया? इसकी वजह है खास

भारत सरकार ने 784 वर्ग किलोमीटर में फैले कूनो नेशनल पार्क को 10 जगहों के सर्वें के बाद फाइनल किया. बताते चले कि मध्य प्रदेेश में पुर्नर्वास का रिकॉर्ड सबसे बेहतर रहा है.

By Piyush Pandey | September 17, 2022 11:40 AM
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नामीबिया से आठ चीते भारत पहुंच चुके हैं. भारत में चीतों के विलुप्त होने के सात दशकों बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है. इन चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाया गया है. केएनपी लाए जा रहे चीतों में से पांचों मादा और तीन नर शामिल हैं. जिन्हें पीएम मोदी अपने जन्मदिन पर केएनपी के क्वारंटीन बाड़े में छोड़ेगे.

भारत ने नामीबिया सरकार के साथ किया MOU

भारत ने चीतों के आयात के लिए नामीबिया सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए है. बता दें कि देश में अंतिम चीते की मौत वर्ष 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में हुई थी. इस प्रजाति को वर्ष 1952 में भारत से विलुप्त घोषित किया गया था. हालांकि, अफ्रीका चीता इंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट इन इंडिया वर्ष 2009 से चल रहा है जिसने हाल के कुछ सालों में गति पकड़ी है.

जानें चीतों की खास बातें

1. भारत लाए जाने वाले चीतों में से पांचों मादा की उम्र दो से पांच साल के बीच, जबकि नर चीतों की आयु 4.5 साल से 5.5 साल के बीच है. जिन्हें 30 दिनों तक क्वरंटीन पीरियड में रखा जाना है, वहीं, इन चीतों को 2 से 3 दिनों में खाने के लिए मीट दिया जाएगा.

2. केएनपी में इन चीतों के लिए 25 वर्ग किमी का घेरा बनाया गया है. इनकी देखभाल के लिए दक्षिण अफ्रीका के वन्यजीव विशेषज्ञों को भी भारत बुलाया गया है. ताकि वे इनपर नजर रख सके. विशेषज्ञ की मानें, तो भारतीय मौसम को लेकर यहां चीतों को समस्या हो सकती है. वहीं, चीतों को 2 से 3 महीने तक यहां के माहौल में ढलने का समय लग सकता है.

3. वन्य विशेषेज्ञों के अनुसार भारत लाए जा रहे चीतों के गले में एक सैटेलाइट वीएचएफ रेडिया कॉलर लगाया गया है, जिससे इनपर नजर रखी जा सकेगा. वहीं, केएनपी के आस पास के गांवों में भी अन्य मवेशियों का टीकाकरण किया गया है ताकि चीतों के संपर्क में आने से किसी तरह का संक्रमण न फैल सके.

4. बताते चले कि भारत और साउथ अफ्रीका के मौसम का तापमान एक समान ही रहता है, जिस कारण केंद्र सरकार ने इन चीतों को अफ्रीका से भारत लाने का फैसला किया है. केएनपी की बात करें तो वाहं अधिकतम तापमान 42 डिग्री और न्यूनतम तापमान 6 से 7 डिग्री सेल्सियस तक रहता है.

5. दुनिया में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी वन्य जीव को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में भेजा जा रहा है.

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भारत सरकार ने केएनपी का इसलिए किया चयन

कुनो राष्ट्रीय उद्यान विंध्याचल पहाड़ियों के उत्तरी किनारे पर स्थित है और 344 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है. केएनपी को साल 2018 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था. भारत सरकार ने कूनो नेशनल पार्क को 10 जगहों के सर्वें के बाद फाइनल किया. बताते चले कि मध्य प्रदेेश में पुर्नर्वास का रिकॉर्ड सबसे बेहतर रहा है. वहीं, केएनपी मेें छोटे हिरण और सुअरों की घनी आबादी है, जिस कारण सरकार ने चीतों को केएनपी में लाने का फैसला किया.

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