Farmers Protest: कुरुक्षेत्र में किसानों का प्रदर्शन दूसरे दिन समाप्त हो गया है. हरियाण सरकार के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर बात बन गयी है. आंदोलन समाप्त करने की घोषणा किसान नेता राकेश टिकैत ने की. गौरतलब है कि सूरजमुखी के बीज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिपली में राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसान लगातार दो दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे. किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था.
MSP पर लड़ाई पूरे देश में करेंगे : टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, आंदोलन समाप्त हुआ है आज रास्ते खोल दिए जाएंगे. हम इसलिए विरोध कर रहे थे कि हमारी फसल MSP पर खरीदी जाए. हम आगे भी MSP पर लड़ाई पूरे देश में करेंगे. भारत सरकार की MSP को लेकर जो दर है वह देना होगा. उन्होंने कहा, यह लड़ाई देश के प्रधानमंत्री बनाम राज्य के मुख्यमंत्री के बीच की है. जो रेट प्रधानमंत्री ने तय किया है, उसे राज्यों को भी देना होगा.
कुरुक्षेत्र DC शांतनु शर्मा ने किसानों के सामने सरकार की बात रखी
कुरुक्षेत्र DC शांतनु शर्मा ने किसानों के सामने सरकार की बात रखी. उन्होंने कहा, हरियाणा सरकार हमेशा किसानों के समर्थन में खड़ी रही है. उन्होंने कहा, सूरजमुखी की फसल के लिए मुख्यमंत्री ने MSP बढ़ाने पर सहमति जताई है.
हमारी मांग को सरकार ने मान लिया : किसान नेता
सूरजमुखी के बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मुल्य की मांग पर एक संयुक्त प्रेस वार्ता में किसान नेता करम सिंह मथाना व अन्य किसान नेताओं ने कहा, हमने एक हफ्ते तक संघर्ष किया है और आज आप सबके सहयोग से हमारी मांग को सरकार ने मान लिया है.
दो दिन से कुरुक्षेत्र में जमे थे किसान, क्या थी मांग
गौरतलब है कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिपली में राष्ट्रीय राजमार्ग में पिछले दो दिनों से किसान जमे हुए थे. धरना स्थल पर मौजूद किसान नेताओं और जिला प्रशासन के बीच कई दौर की वार्ता हुई. लेकिन नतीजा नहीं निकला था. दरअसल किसान सूरजमुखी के बीज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग कर रहे थे. इसके साथ ही किसान 9 किसान नेताओं को रिहा करने की भी मांग भी कर कर रहे थे जिन्हें शाहाबाद में हाल में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था. गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को 36,414 एकड़ में उगाई गई सूरजमुखी फसल के लिए 8,528 किसानों को अंतरिम मुआवजे के रूप में 29.13 करोड़ रुपये जारी किए थे. किसान मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार सूरजमुखी को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे.