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LAC से पीछे नहीं हटेंगे भारतीय जवान, माइनस तापमान में उपयोग किए जाने वाले टेंट का ऑर्डर देने की तैयारी

LAC: एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों (indian Army) को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हो और अत्यधिक ठंड में भी उन्हें सीमा पर रहने में कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए सीमा पर खास टेंट (Special all weather tent) लगाये जायेंगे. जहां अत्यधिक ठंड पड़ने पर जवान आसानी से रह पायेंगे. सीमा पर टेंट लगाने के लिए भारतीय सेना को एमर्जेंसी ऑर्डर दिये गये हैं. गलवान घाटी पर भारतीय और चीनी सेना के बीच हुए झड़प के बाद पैदा हुए तनाव को लेकर यह कदम उठाया गया है. तनाव को देखते हुए भारत ने लद्दाख सेक्टर में 30,000 अधिक सेना के जवानों की तैनाती की गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2020 1:16 PM

एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हो और अत्यधिक ठंड में भी उन्हें सीमा पर रहने में कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए सीमा पर खास टेंट लगाये जायेंगे. जहां अत्यधिक ठंड पड़ने पर जवान आसानी से रह पायेंगे. सीमा पर टेंट लगाने के लिए भारतीय सेना को एमर्जेंसी ऑर्डर दिये गये हैं. गलवान घाटी पर भारतीय और चीनी सेना के बीच हुए झड़प के बाद पैदा हुए तनाव को लेकर यह कदम उठाया गया है. तनाव को देखते हुए भारत ने लद्दाख सेक्टर में 30,000 अधिक सेना के जवानों की तैनाती की गयी है.

गलवान घाटी में सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए टेंट की आवश्यकता इसलिए महसूस की जा रही है. क्योंकि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनाती लंबे समय तक होने की उम्मीद है, जैसा कि वरिष्ठ सशस्त्र बल के अधिकारियों को लगता है कि स्टैंड-ऑफ कम से कम सितंबर-अक्टूबर समय-सीमा तक जारी रहने की संभावना है. एक अधिकारी ने कहा कि यदि चीनी स्थानों से हटते हैं, तो हम भविष्य के लिए भी मौके नहीं ले सकते. यहां पर सैनिकों को हमेशा सतर्क रहना होगा. यही कारण है कि यहां पर लगाने के हजारों टेंट के ऑर्डर देने जा रहे हैं.

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लद्दाख सेक्टर में एएनआई से बातचीत में सेना के सूत्र ने बताया कि सीमा पर सभी हथियार और गोला-बारूद के के साथ- साथ उनका ध्यान सैनिको के रहने के लिए उचित व्यवस्था करने पर रहेगा, इसलिए विशेष आदेश दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों ने अपने क्षेत्र में पहले ही सर्दियों के लिए विशेष टेंट लगाने शुरू कर दिये हैं. हमारे पर सियाचिन ग्लेश्यिर के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर है इनमें से बहुत कम का इस्तेमाल पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में किया जाता है. पर सैनिकों की संख्या बढ़ने के बाद और अधिक टेंट की जरूरत यहां होगी.

सूत्रों ने कहा कि खास टेंट की खरीदारी के लिए भारतीय और यूरोपीय दोनों बाजारों को देखा जा रहा है ताकि अत्यधिक ठंड मौसम से पहले ही टेंट की खरीदारी की जा सके और यहां पहुंचाया जा सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही रक्षा बलों को प्रति खरीद के लिए 500 करोड़ रुपये की वित्तीय शक्तियां दी हैं, ताकि किसी भी प्रकार के हथियारों, गोला-बारूद और रहने के सीमा पर रहने के लिए निवास स्थान की कमी को दूर किया जा सके.

इसके साथ ही भारतीय सेना रूस और अन्य वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं से एम -777 अल्ट्रा-लाइट होवित्जर और कई प्रकार के गोला-बारूद और हथियार खरीदने वाली है. गलवान घाटी पर 15 जून की रात गलवान घाटी पर भारतीय और चीन के सेनाओं के बीच झड़प हुई थी जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे. इसके बाद से दोनो देशों के बीच तनाव कम करने के लिए बातचीत की जा रही है. जबकि इस मोर्चे पर चीन से निपटने के लिए भारत से सीमा पर 20,000 अधिक सैनिकों को सीमा पर तैनाक किया है और काफी संख्या में हथियार भी पहुंचाएं हैं.

Posted By: Pawan Singh

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