Corona Third Wave: भारत में ट्रेंड हेल्थ वर्कर्स की कमी, जानिए क्या है डब्ल्यूएचओ और पीएचएफआई की रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में नर्सों, प्रशिक्षित पैरामेडिक्स और स्वास्थ्य कार्मियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि देशमें नर्स-डॉक्टर का अनुपात 1.7-1 है.
देश में कोरोना वायरस की तीसरी सहर की आहट है. डॉक्टर और एक्सपर्ट इसके लेकर कई बार चेतावनी जारी कर चुके है. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट ने चिंता बड़ा दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में नर्सों, प्रशिक्षित पैरामेडिक्स और स्वास्थ्य कार्मियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि देशमें नर्स-डॉक्टर का अनुपात 1.7:1 है. हालांकि कई राज्यों में नर्सों की संख्या अधिक है तो कई में डॉक्टरों की.
वहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नर्सों, प्रशिक्षित पैरामेडिक्स और स्वास्थ्य कार्मियों की योग्यता पर विचार किया जाये तो यह अनुपात और बढ़ जाता है. योग्यता के आधार पर देखें तो यह अनुपात 1:1.3 हो जाता है. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, डब्ल्यूएचओ और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, अधिकांश ओईसीडी देशों मे प्रति डॉक्टर 3 से 4 नर्स हैं. वहीं भारत के कई ऐसे राज्य हैं जहां नर्सों से अधिक डॉक्टरों की संख्या है.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, कई राज्यों में नर्सों की संख्या है तो कुछ राज्यों में डॉक्टर अधिक हैं. बात करें नर्स और डॉक्टर के अनुपात की तो पंजाब में यह अनुपात 6.4:1 है. वहीं, दिल्ली में दिल्ली यह 4.5:1 के लगभग है. वहीं बिहार, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश समेत कई और राज्यों में प्रति डॉक्टर एक से कम नर्स हैं.
गौरतलब है कि, बीते पांच दिनों से देश में कोरोना के मामले 30 हजार से ऊपर ही आ रहे हैं. सोमवार को देश में कोरोना वायरस के 30,256 नए मामले सामने आए थे. वहीं कोरोना से 295 लोगों की मौत हुई थी. हालांकि ठीक होकर घर जाने वालों मरीजो की संख्या बढ़ी है. सोमवार को 43,938 संक्रमित मरीज ठीक होकर घर लौट गए. अभी देश में संक्रमित मरीजों की संख्या 33,478,419 है. जबकि कोरोना से एक्टिव मरीजों की संख्या 3,18,181 है. भारत में कोरोना की तीसरी लहर की आहट है. ऐसे में नर्सों और स्वास्श्यकर्मियों की कमी के कारण कहीं फिर से कोरोना की रफ्तार में इजाफा न हो जाए.
Posted by: Pritish Sahay