रक्षा मंत्रालय के बयान से घुटने टेकने वाले नेतृत्व का ‘षड्यंत्रकारी नकाब’ उतर गया: कांग्रेस
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘ रक्षा मंत्रालय ने 12 फरवरी को ‘ऑपरेशन कवरअप' के तहत बयान जारी किया जिससे भारत के उस घुटने टेकने वाले नेतृत्व के चेहरे से षड्यंत्रकारी नकाब उतर गया है जो नेतृत्व करने का हकदार नहीं है.''
कांग्रेस ने चीन के साथ सीमा पर गतिरोध को खत्म करने के मकसद से हुए समझौते को लेकर रक्षा मंत्रालय की ओर से बयान जारी करने के बाद शुक्रवार को दावा किया कि ‘घुटने टेकने वाले नेतृत्व का षड्यंत्रकारी नकाब’ उतर गया है .
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘ रक्षा मंत्रालय ने 12 फरवरी को ‘ऑपरेशन कवरअप’ के तहत बयान जारी किया जिससे भारत के उस घुटने टेकने वाले नेतृत्व के चेहरे से षड्यंत्रकारी नकाब उतर गया है जो नेतृत्व करने का हकदार नहीं है.”
उन्होंने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार और रक्षा मंत्रालय के बयान में बहुत खामियां हैं. रक्षा मंत्री और रक्षा मंत्रालय के बयानों से यह तथ्य पूरी तरह उजागर हो गया है कि मोदी सरकार ‘कैलाश रेंज’ से भारतीय जवानों को पीछे हटाने पर सहमत हो गई है .” सुरजेवाला ने सवाल किया कि कैलाश रेंज से पीछे हटने पर सहमति जताकर मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘अक्षम्य समझौता’ क्यों किया है?
उन्होंने कहा, ‘‘पैंगोंग झील इलाके के उत्तरी किनारे पर भारत का फिंगर 4 तक हमेशा नियंत्रण रहा है और भारत के सैनिक फिंगर 8 तक गश्त करते थे. बयानों से स्पष्ट है कि मोदी सरकार फिंगर 4 से फिंगर 3 तक जवानों को हटाने पर सहमत हुई है. यह भारत की भूभागीय अखंडता के साथ समझौता है.”
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गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ एक समझौते को अंतिम रूप दिये जाने के परिणामस्वरूप भारत ने किसी भी इलाके से दावा नहीं छोड़ा है. उसने यह भी बताया कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर में देश के राष्ट्रीय हित और भूभाग की प्रभावी तरीके से रक्षा की गई है, क्योंकि सरकार ने सशस्त्र बलों की ताकत पर पूरा भरोसा दिखाया है.