पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच भारत और चीन की सेनाओं ने “सकारात्मक” रुख के साथ उच्चस्तरीय सैन्य बातचीत की और यहां करीब एक महीने से सीमा पर जारी गतिरोध को शांतिपूर्ण संवाद के माध्यम से समाप्त करने का संकेत दिया. इस बातचीत को लेकर रविवार को विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है. मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय संधि के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में विवाद को शांतिपूर्वक हल करने के लिए सहमत हुए हैं.
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि दोनों पक्ष मामले को सुलझाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी रखेंगे. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांतिपूर्वक हल निकालने के लिए सहमत हुए हैं, ये फैसला विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों और नेताओं के बीच हुए समझौते को ध्यान में रखते हुए लिया गया है कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है.
The two sides will continue the military&diplomatic engagements to resolve the situation & to ensure peace and tranquillity in the border areas: Ministry of External Affairs on the meeting held between Corps Commander based in Leh & Chinese Commander y'day in Chushul-Moldo region pic.twitter.com/8PJcwIDo20
— ANI (@ANI) June 7, 2020
आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच बातचीत शनिवार को हुई थी. भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिले के कमांडर कर रहे थे.
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विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारत और चीन द्विपक्षीय समझौतों तथा दोनों देशों के नेताओं द्वारा दिये जाने वाले दिशानिर्देशों के अनुरूप सीमा मसले के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सैन्य तथा राजनयिक वार्ता जारी रखने पर सहमत हो गए हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण तथा सकारात्मक माहौल में संपन्न हुई और दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि उक्त मुद्दे के जल्द समाधान से दोनों देशों के बीच संबंधों का और अधिक विकास होगा. दोनों पक्ष विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों और नेताओं के बीच बनी सहमति को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में हालात को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने पर राजी हो गए. नेताओं के बीच सहमति बनी थी कि भारत-चीन सीमा क्षेत्र में अमन-चैन द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक है.
विदेश मंत्रालय ने शनिवार की सैन्य वार्ता के संदर्भ में कहा कि दोनों पक्षों ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि इस साल दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ है और वे इस पर राजी हुए कि इस मसले के जल्द समाधान से संबंधों का और विकास होगा. दोनों पक्ष हालात के समाधान के लिए तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन के लिए सैन्य और राजनयिक संवाद जारी रखेंगे.
सूत्रों ने बताया कि चुशूल सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी पक्ष की तरफ माल्डो में सीमा कर्मी बैठक स्थल पर सुबह करीब साढ़े आठ बजे वार्ता प्रस्तावित थी, लेकिन ऊंचाई वाले क्षेत्र में खराब मौसम की वजह से यह करीब तीन घंटे तक टल गयी. बातचीत शुरू होने से पहले चीनी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने गर्मजोशी से भारतीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया.
इससे पहले शनिवार को बातचीत के बारे में कोई खास विवरण दिये बिना, भारतीय सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चीन के अधिकारी भारत-चीन सीमावर्ती इलाकों में बने वर्तमान हालात के मद्देनजर स्थापित सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों के जरिए एक-दूसरे के लगातार संपर्क में बने हुए हैं. गौर हो कि दोनों सेनाओं में स्थानीय कमांडरों के स्तर पर 12 दौर की बातचीत तथा मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच तीन दौर की बातचीत के बाद कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने पर शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर बातचीत हुई.
Posted By: Amitabh Kumar