Ladakh Standoff पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास चल रहे गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता रविवार को सुबह साढे दस बजे शुरू होगा. भारत और चीन के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष बिंदुओं से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया में कुछ आगे बढ़ने पर ध्यान दिया जाएगा. इस दौरान पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बाकी स्थानों पर तनाव खत्म करने पर जोर दिया जाने की बात सामने आ रही है.
सरकारी सूत्रों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सैन्य वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के चीनी पक्ष पर मोल्डो सीमा बिंदु पर सुबह साढ़े दस बजे शुरू होगी. भारतीय पक्ष से उम्मीद की जाती है कि वह देप्सांग बुलगे और डेमचोक में मुद्दों के समाधान के लिए दबाव डालने के अलावा टकराव वाले शेष बिंदुओं से जल्द से जल्द सैनिकों की वापसी की मांग करेगा.
13th round of India-China talks to address the ongoing military stand-off to be held in Moldo on the Chinese side of the Line of Actual Control (LAC) at 10:30 am tomorrow. Resolution of friction point at Hot Springs to be discussed during the talks: Army sources pic.twitter.com/B6RTcAbsXp
— ANI (@ANI) October 9, 2021
इससे पहले भारत और चीन के बीच 12वें दौर की वार्ता 31 जुलाई को हुई थी. वार्ता के कुछ दिनों बाद दोनों सेनाओं ने गोगरा में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की. जिसे इस क्षेत्र में शांति की बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा गया. बताया जा रहा है कि चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ की कोशिश की दो हालिया घटनाओं की पृष्ठभूमि में 13वें दौर की वार्ता होगी. ये घटनाएं उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में और दूसरी अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुई थी.
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच बीते हफ्ते अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्जी के पास कुछ देर के लिए ठन गई थी और इसे स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद सुलझाया गया. शुक्रवार को सूत्रों ने यह जानकारी दी थी. एक महीने पहले भी उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में एलएसी को लगभग सौ चीनी सैनिकों द्वारा पार किए जाने के बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच तनातनी की घटना हुई थी.
वहीं, थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन द्वारा सैन्य निर्माण और बड़े पैमाने पर तैनाती को बनाए रखने के लिए नए बुनियादी ढांचे का विकास चिंता का विषय है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि चीनी सेना सर्दियों के दौरान भी तैनाती बनाए रखती है, तो इससे एलओसी जैसी स्थिति हो सकती है. हालांकि, सक्रिय एलओसी जैसा नहीं होगा, जैसा कि पाकिस्तान के साथ पश्चिमी मोर्चे पर है. रविवार की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे.
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