अब जमीन का भी एक खास नंबर होगा और पूरे देश में वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन के तहत ये काम करेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बजट भाषण में इसकी जानकारी दी थी जिसमें उन्होंने कहा, लैंड का डिजिटल तरीके से रिकॉर्ड रखा जाएगा. इसके लिए आधुनिक तकनीक और उपकरण का इस्तेमाल किया जायेगा.
जमीन का रिकार्ड रखने के लिए डिजिटल तरीके को अपनाया जायेगा जिसमें IP बेस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा. जमीनों के कागज की मदद से उनके रिकॉर्ड को डिजिटली रिकॉर्ड रखा जाएगा. केंद्र सरकार का लक्ष्य 2023 तक देशभर से लैंड रिकॉर्ड को डिजिटल करने का है. मार्च 2023 तक पूरे देश में जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल करने का लक्ष्य रखा गया है.
इस तरह के रिकार्ड से कई तरह के फायदे मिलेंगे. डिजिटल लैंड रिकार्ड करने से कई तरह से फायदे मिलेंगे. इसे 3C फार्मूले के तहत बांटा जाना है. इनमें सेंट्रल ऑफ रिकॉर्ड, कलेक्शन ऑफ रिकॉर्ड, कन्वीनियंस ऑफ रिकॉर्ड से फायदा होगा. जमीन का 14 डिजिट का एक ULPIN नंबर यानी यूनिक नंबर जारी किया जायेगा. यह हर जमीन का अलग – अलग होगा. आप बस एक क्लिक करके घर बैठे अपनी जमीन के सभी डॉक्युमेंट्स देख पाएंगे.
ULPIN नंबर के जरिए देश में कहीं भी जमीन खरीदने और बेचने में परेशानी नहीं होगी. अगर एक जमीन का भविष्य में बटवारा होता है और एक के दो हिस्से होते हैं तो दोनों का ULPIN नंबर अलग- अलग होगा. सरकार इस दिशा में रणनीति तैयार कर रही है और नेशन, वन रजिस्ट्रेशन प्रोग्राम के लिए नयी तकनीक और ड्रोन का इस्तेमाल किया जायेगा. ड्रोन से जमीन पैमाइस होगी.