Lateral Entry: UPSC में लेटरल एंट्री को लेकर जारी बहस के बीत मंगलवार को पीएम मोदी ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश दे दिया है. केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री के निर्देश की जानकारी दी. यूपीएससी लेटरल भर्ती पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज (20 अगस्त) पीएम मोदी ने एक बेहद अहम फैसले के जरिए बाबा साहेब के संविधान के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया है. उन्होंने का कि यूपीएससी में लेटरल एंट्री की बेहद पारदर्शी पद्धति से आरक्षण के सिद्धांतों को लागू करने का फैसला लिया गया है. पीएम मोदी ने हमेशा सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है. यूपीए सरकार के दौरान आरक्षण के सिद्धांतों को ध्यान में नहीं रखा गया था. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस ने उस समय इस सिद्धांत को ध्यान में रखा था.
विपक्ष के विरोध के कारण लेटरल एंट्री पर पीछे हटी मोदी सरकार- कांग्रेस
कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और विपक्ष के अन्य नेताओं के विरोध के कारण पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लेटरल एंट्री के मामले में पीछे हटी है. विरोध के कारण ही सरकार ने संबंधित विज्ञापन वापस लेने का फैसला किया है. इधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि बीजेपी और आरएसएस जब तक सत्ता में हैं, तब तक वे आरक्षण छीनने के नए-नए हथकंडे अपनाते रहेंगे. खरगे के सोशल मीडिया एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा कि संविधान जयते… हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमजोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने आरक्षण छीनने के बीजेपी के मंसूबों पर पानी फेरा है. लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताकत ही हरा सकती है.
जयराम रमेश ने की लगाया नौकरशाही से खिलवाड़ का आरोप
यूपीएससी लेटरल एंट्री मामले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी ने 10 साल तक एकतरफा तरीके से काम किया है. अब वह वास्तविकता के सामने आ गए हैं. वह अब एकतरफा काम नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ये संयुक्त सचिव, निदेशक और सचिवालय पद हैं जिनके लिए भारत के संविधान के प्रावधान लागू होते हैं नागरिक नौकरशाही में अग्निवीर को शामिल करना था. आपने सशस्त्र बलों में अग्निवीर को पेश करके देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है. अब आप नागरिक नौकरशाही के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं.
क्यों हो रहा है लेटरल एंट्री को लेकर बवाल
बता दें, यूपीएससी में लेटरल एंट्री को लेकर 17 अगस्त को एक एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया था. इस विज्ञापन में ज्वाइंट सेक्रेटरी और डायरेक्टर समेत सेक्रेटरी लेवल के अधिकारियों की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगा गया था. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद इसे रोक दिया गया है. कार्मिक विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी की चेयरमैन को पत्र लिखकर कहा है कि सोशल जस्टिस को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ने इस नियुक्ति के विज्ञापन को रोकने का आग्रह किया है. वर्तमान में जो व्यवस्था थी उसके तहत अगर एक पद पर नियुक्ति होनी थी,तो उसमें आरक्षण लागू नहीं था, इसपर नए सिरे से विचार करने के लिए फिलहाल नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है. भाषा इनपुट के साथ
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