बाल संत अभिनव अरोड़ा को जान से मारने की धमकी

Lawrence Bishnoi: 10 वर्षीय बाल संत अभिनव अरोड़ा को कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह से जान से मारने की धमकी मिली है.

By Aman Kumar Pandey | October 29, 2024 10:47 AM
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Lawrence Bishnoi: 10 वर्षीय बाल संत अभिनव अरोड़ा को कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह से जान से मारने की धमकी मिली है. सोमवार को उनके परिवार ने इस बात का दावा किया. एएनआई से बात करते हुए अभिनव की मां ज्योति अरोड़ा ने कहा कि उनके बेटे ने भक्ति के अलावा ऐसा कोई काम नहीं किया है जिसके लिए उसे इतना कुछ सहना पड़ रहा है. वह आगे कहती हैं कि सोशल मीडिया के माध्यम से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. मेरे बेटे अभिनव ने ऐसा कुछ नहीं किया है जिसके वजह से हमें धमकियां मिल रही है. अभिनव अरोड़ा दिल्ली के एक आध्यात्मिक कंटेंट क्रिएटर हैं, जिन्होंने दावा किया कि उनकी आध्यात्मिक जागृति 3 साल की छोटी सी उम्र में शुरू हुई थी.

धार्मिक गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने लगाई फटकार

हाल ही में अभिनव अरोड़ा ने खुद को एक धार्मिक जुलूस के दौरान नृत्य करने के बाद एक उग्र विवाद में पाया. उनके इस काम की हिंदू आध्यात्मिक गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने तीखी आलोचना की, जिन्होंने उन्हें शिष्टाचार की कमी दिखाने के लिए अभिनव अरोड़ा को फटकार लगाई. इस घटना ने अभिनव अरोड़ा की आध्यात्मिक प्रामाणिकता के बारे में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है और उनकी भक्ति के प्रदर्शन के पीछे उनकी मंशा पर सवाल उठाए हैं.

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कौन है अभिनव अरोड़ा?

मात्र 10 साल की उम्र में अभिनव अरोड़ा ने एक धार्मिक आध्यात्मिक प्रभावकारी संत के रूप में अपनी पहचान बनाई है, जिसके इंस्टाग्राम पर 9.5 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. वह आकर्षक कंटेंट शेयर करते हैं, जिसमें हिंदू त्योहारों का जश्न, शास्त्रों का पाठ और प्रतिष्ठित धार्मिक हस्तियों के साथ बातचीत को दिखाया जाता है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा भारत के सबसे कम उम्र के आध्यात्मिक स्पीकर के रूप में सम्मानित, अभिनव अरोड़ा उद्यमी और TEDx के वक्ता तरुण राज अरोड़ा के बेटे हैं. कई लोग अभिनव अरोड़ा को प्यार से “बाल संत” कहते हैं, और वह बलराम से पहचान रखते हैं. इसी के साथ वह भगवान श्री कृष्ण को अपने छोटे भाई के रूप में पूजते हैं.

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एक इंटरव्यू में अभिनव अरोड़ा ने अपने स्कूल के अनुभव साझा किए, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके सहपाठी अक्सर दूरी बनाए रखते थे, जबकि वह सभी को “राधे राधे” या “जय श्री कृष्ण” कहकर अभिवादन करते थे. उन्होंने अपनी अनुशासित दिनचर्या के बारे में भी बताया, जिसमें वह सुबह 3:30 बजे उठकर अपनी आध्यात्मिक क्रियाएं शुरू करना शामिल है. इसमें ‘माला जाप’ (माला पढ़ना) और घर पर पूजा करना शामिल है. सुबह 6:30 बजे तक, वह तुलसी पूजा परिक्रमा करते हैं और अपने घर में बाल गोपाल को “भोग” चढ़ाते हैं, जो उनकी आस्था के प्रति गहरी भाव को दर्शाता है.

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