LCH In IAF: वायुसेना को मिला 10 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर, जानिए क्या कुछ है खास?
अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने विकसित किया है. बता दें कि इसकी डिजाइनिंग प्राथमिक रूप से इस प्रकार से हुई है कि इसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात किया जा सके. अधिकारियों ने बताया कि इस हेलीकॉप्टर का वजन 5.8 टन है.
LCH In IAF: भारतीय वायुसेना में सोमवार को 10 एलसीएच शामिल हुआ. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी आज जोधपुर के एयरफोर्स स्टेशन में इसे भारतीय वायुसेना को सौंपा. एयरफोर्स स्टेशन पर विधिवत सर्वधर्म प्रार्थना के बाद भारतीय वायुसेना में विमानों को शामिल किया गया. बता दें यह विमान भारत में ही विकसित किए गए है. इन 10 स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर के वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल होने से वायुसेना की ताकत में और इजाफा हो गया. इन लड़ाकू विमान में कई तरह की सुविधा लैस है.
Jodhpur, Rajasthan | A 'sarv-dharam' prayer being performed at the induction ceremony of the first indigenously developed Light Combat Helicopters (LCH) into Indian Air Force, in the presence of Defence minister Rajnath Singh and IAF chief Air Chief Marshal VR Chaudhari pic.twitter.com/U2EpRzBEpW
— ANI (@ANI) October 3, 2022
एचएएल ने विकसित किया है LCH
अधिकारियों ने बताया कि इस हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने विकसित किया है. बता दें कि इसकी डिजाइनिंग प्राथमिक रूप से इस प्रकार से हुई है कि इसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात किया जा सके. अधिकारियों ने बताया कि इस हेलीकॉप्टर का वजन 5.8 टन है. साथ ही दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर का पहले ही कई हथियारों के इस्तेमाल का परीक्षण किया जा चुका है.
3,887 करोड़ रुपये में 15 LCH खरीदने की मंजूरी
जानकारी हो कि इसी साल मार्च महीने में पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति की ओर से स्वदेशी 15 एलसीएच को खरीदने की मंजूरी दे दी गयी थी. बता दें कि इन्हें 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने की मंजूरी दे दी गयी थी. रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना और पांच थलसेना के लिए होंगे. अधिकारियों ने बताया कि एलसीएच ‘एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर’ ध्रुव से समानता रखता है.
Also Read: 1971 की लड़ाई में ही हो जाना था PoK पर फैसला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जताया इस बात पर अफसोसइस वजह से अलग है ये लड़ाकू विमान
इसमें से कई लड़ाकू विमान में रडार से बचने की विशेषता, बेहतर सुरक्षा प्रणाली, रात को हमला करने और आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता है. साथ ही विमान के हल्का होने की वजह से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपनी पूर्ण क्षमता में मिसाइल और दूसरे हथियारों के साथ आराम से ऑपरेट कर सकता है. रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया कि तीन अक्टूबर को पहले स्वदेश विकसित हल्के लड़ाकू हेलिकाप्टरों को वायुसेना में शामिल करने के समारोह में भाग लेने के लिए जोधपुर में रहेंगे.