कृषि बिल को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए राष्ट्रपति से मिले राहुल गांधी सहित विपक्ष के पांच बड़े नेता, कही ये बात…
Rahul Gandhi reaches Rashtrapati Bhawan : कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्ष के पांच नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले और उनसे यह मांग की कि कृषि बिल ( Farm Bills) को रद्द किया जाये. राहुल गांधी ने कहा कि किसान आंदोलन के कारण स्थिति गंभीर हो गयी है इसलिए इस बिल को तुरंत वापल लिया जाये.
Rahul Gandhi reaches Rashtrapati Bhawan : कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्ष के पांच नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले और उनसे यह मांग की कि कृषि बिल को रद्द किया जाये. राहुल गांधी ने कहा कि किसान आंदोलन के कारण स्थिति गंभीर हो गयी है इसलिए इस बिल को तुरंत वापल लिया जाये.
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा और उनसे कहा कि कृषि बिल को अविलंब वापस लिया जाये. इससे पहले शाम पांच बजे ये नेता राष्ट्रपति भवन पहुंचे. विपक्ष के नेता कृषि बिल को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए राष्ट्रपति से मिले. माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कल यह जानकारी दी थी कि राष्ट्रपति ने उन्हें शाम पांच बजे का समय मिलने के लिए दिया है.
We informed the President that it is absolutely critical that these anti-farmer laws are taken back: Rahul Gandhi, Congress pic.twitter.com/4hco6XlGbL
— ANI (@ANI) December 9, 2020
आज येचुरी ने बताया कि 25 से अधिक पार्टियों ने किसानों के उस मांग का समर्थन किया है जिसमें वे तीनों कृषि बिल को वापल लेने की मांग कर रहे हैं. येचुरी ने कहा कि यह कानून भारत के हित में नहीं है साथ ही यह हमारे खाद्य सुरक्षा पर भी खतरा है. येचुरी भी राष्ट्रपति से मुलाकात करने पहुंचे हैं.
अकाली दल के नेता प्रेम सिंह चंदुमाजरा ने कहा कि यह जरूरी है कि सरकार पर दबाव बनाया जाये क्योंकि अगर किसानों और सरकार की वार्ता सही दिशा में नहीं जायेगी और इसका हल नहीं निकलेगा तो दिसंबर के तीसरे सप्ताह में विपक्ष के नेता यह तय करेंगे कि क्या किसान आंदोलन को राजनीतिक समर्थन दिया जाये.
गौरतलब है कि कृषि बिल के खिलाफ देश भर के किसान दिल्ली में पिछले 14 दिन से आंदोलन कर रहे हैं. कल गृहमंत्री अमित शाह से किसान नेताओं की बातचीत हुई लेकिन वह भी बेनतीजा रही, जिसके बाद सरकार ने किसानों को लिखित प्रस्ताव भेजा है. प्रस्ताव पर किसान मंथन करके अपना फैसला सुनाने वाले हैं.
Posted By : Rajneesh Anand