विशाखापत्तनम : जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रारंभिक जांच के हवाले से बताया कि फैक्टरी के दो टैंकों में रखी स्टाइरीन गैस से जुड़ी प्रशीतन प्रणाली में तकनीकी खराबी आने के कारण उसमें गैस बनी और फिर उसका रिसाव हुआ.
बृहस्पतिवार को तड़के हुई इस घटना में 11 लोगों की मौत हुई है जबकि 1,000 लोग इससे प्रभावित हुए हैं. जिलाधिकारी वी विनय चंद ने बताया कि एलजी पॉलीमर्स लिमिटेड से हुआ गैस का रिसाव इतना ज्यादा था कि हमें सुबह करीब साढ़े नौ बजे समझ आया कि आखिरकार हुआ क्या है, क्योंकि उस वक्त क्षेत्र में रिसाव के कारण छायी घनी धुंध दूर हुई.
Also Read: विशाखापत्तनम में गैस रिसाव का असर कितना होगा, कबतक रहेगा असर ?
वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने कंपनी पर कार्रवाई का आदेश दे दिया है और मामले की जांच का भी आदेश दिया. आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री जी. गौतम रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार सुरक्षा में कोई चूक नहीं चाहती इसलिए फैक्टरी से रिसने वाली स्टाइरीन गैस को निष्प्रभावी करने के लिए 500 किलोग्राम रसायन हवाई मार्ग से मंगवाया गया है. मंत्री ने कहा कि हालांकि रिसाव को एक घंटे के भीतर बंद कर लिया गया था. कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा कि आखिर चूक कहां हुई?
वहीं राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने विशाखापत्तनम गैस रिसाव घटना पर बृहस्पतिवार को स्वत: संज्ञान लिया. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एनजीटी की एक पीठ शुक्रवार को इस विषय पर सुनवाई करेगी.
फैक्टरीज विभाग की ओर से प्राप्त प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने कहा, स्टाइरीन सामान्य तौर पर तरल रूप में रहता है और उसके भंडारण का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहने पर वह सुरक्षित रहता है, लेकिन प्रशीतन (रेफ्रीजेरेशन) इकाई में गड़बड़ी के कारण यह रसायन गैस में बदल गया.
Also Read: विशाखापट्टनम गैस लीक हादसा : सड़कों पर बेहोश पड़े थे लोग, घर के दरवाजे तोड़कर बचायी गयी जान
उन्होंने यहां संवाददाताओं को बताया कि तकनीकी खामी के कारण टैंक में रखे गए रसायन का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया और वह गैस में बदलकर रिसने लगा. तड़के हुए गैस रिसाव की चपेट में आकर बच्चों सहित 11 लोगों की मौत हो गई है. साथ ही लोगों के मन में बड़े औद्योगिक हादसे का डर बैठ गया है.
फैक्टरी में स्टाइरीन के भंडारण के लिए 3,500 किलोलीटर और 2,500 किलोलीटर के दो टैंक हैं. यह रिसाव 2,500 किलोलीटर वाले टैंक में हुआ. हादसे के वक्त टैंक में 1,800 किलोलीटर स्टाइरीन था. जिलाधिकारी ने बताया कि रिसाव होने के बाद यह गैस वेंकटपुरम, पद्मनाभपुरम, बीसी कालोनी और एससी कालोनी में फैल गयी. उन्होंने कहा कि इससे सबसे ज्यादा वेंकटपुरम प्रभावित हुआ है.
उन्होंने बताया कि रिसाव संभवत: तड़के पौने चार बजे शुरू हुआ, तब से लेकर करीब पौने छह बजे तक स्टाइरीन गैस रिसाव के कारण छायी धुंध इतनी गहरी थी कि कोई भी वेंकटपुरम गांव में प्रवेश नहीं कर सका.
चंद ने बताया, सुबह करीब साढ़े नौ बजे जब यह घनी धुंध छंटी, तब हमें समझ आया कि आखिरकार हुआ क्या है. चूंकि रिसाव अभी भी हो रहा था और गैस को शून्य स्तर तक लाने और पूरी तरह उसके तनु (डायल्यूट) होने में 12 से 124 घंटे का वक्त लगेगा. इसलिए ग्रामीणों को दूर ही रहने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि हालात पर 48 घंटे नजर रखनी होगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि गैस कम होकर सुरक्षित स्तर पर आ गयी है.