Lebanon Crisis: इजराइली सेना ने लेबनान स्थित हिजबुल्ला के ठिकानों पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया जिसमें हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह मारा गया. इसका असर जम्मू-कश्मीर के चुनाव पर पड़ता नजर आ रहा है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने लेबनान के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए रविवार को अपना चुनाव अभियान रद्द कर दिया है.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लेबनान और गाजा के शहीदों, खास तौर पर हसन नसरुल्लाह के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मैं अपना अभियान रद्द कर रही हूं. हम इस दुख और हमले के विरोध में फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़े हैं.
हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और उनकी बेटी जैनब शुक्रवार को उस समय मारे गए जब इजराइली सेना ने बेरूत के घनी आबादी वाले दहियाह में सिलसिलेवार हमले किए. इसके बाद इजराइली सेना की ओर से कहा गया कि नसरल्लाह मारा गया है. अब दुनिया को वह डरा नहीं सकेगा.
यह हमला नसरल्लाह को निशाना बनाकर किया गया था, जिसमें छह अन्य लोगों की भी मौत हो गई. अली कराकी, मुहम्मद अली इस्माइल और हुसैन अहमद इस्माइल जैसे अन्य हिजबुल्लाह के लड़ाके भी हमलों में मारे गए.
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हिजबुल्ला के साथ आएं मुस्लिम : खामेनेई
हिजबुल्ला के नेता हसन नसरल्ला को मारे जाने के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. खामनेई ने ‘एक्स’ पर लिखा कि एक ओर लेबनान में निहत्थे लोगों की हत्या ने एक बार फिर उग्र जायनिस्टों की बर्बर प्रवृत्ति को उजागर कर दिया है. वहीं इन हमलों ने ये भी साबित कर दिया है कि इस्राइली नेताओं की नीतियां कितनी अदूरदर्शी और मूर्खता से भरी हैं. खामेनेई ने सभी मुसलमानों से लेबनान और हिजबुल्ला के साथ खड़े होने और दमनकारी शासन का सामना करने में उनका समर्थन करने का भी आग्रह किया. कहा कि इस्राइली अपराधियों को पता होना चाहिए कि वे लेबनान में हिजबुल्ला के गढ़ों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते. लेबनान के लोग वो समय नहीं भूले हैं, जब दमनकारी शासन के सैनिक बेरूत की तरफ बढ़ रहे थे और हिजबुल्ला ने उन्हें रोका था.
(इनपुट पीटीआई)