नहीं रहे महान फुटबॉलर पेले
पेले किडनी और कार्डियक डिसफंक्शन की बीमारी से भी जूझ रहे थे
ब्राजील के महान फुटबॅालर ‘पेले’ (Pele) का 82 वर्ष की उम्र में गुरुवार को यहां निधन हो गया। वह 2021 से पेट के कैंसर से जूझ रहे थे और विगत एक माह से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें 29 नवंबर से साओ पाउलो में अल्बर्ट आइंस्टीन इजराइली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पेले किडनी और कार्डियक डिसफंक्शन की बीमारी से भी जूझ रहे थे। तीन बार के विश्व कप विजेता पेले के निधन की आधिकारिक जानकारी उनके परिवार वालों ने दी है। पेले की बेटी केली नैसिमेंटो ने इंस्टाग्राम पर निधन की जानकारी देते हुए लिखा, ‘हम जो कुछ भी हैं, वह आपकी बदौलत हैं। हम आपको असीम प्यार करते हैं। रेस्ट इन पीस।’ तीन बार विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे पेले फुटबाॅल के इस शताब्दी के सबसे महानतम खिलाड़ियों में से एक थे। उनके एजेंट जो फ्रैगा ने उनके देहांत की पुष्टि की। दो दशकों तक उन्होंने ब्राजील की राष्ट्रीय टीम और ब्राजील के क्लब सैंटोस में सेवाएं दी र्थी। उन्होंने इस खेल और ब्राजील का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया था। उन्होंने ब्राजील को फुटबॅाल जगत में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। द किंग के नाम से मशहूर पेले ने 17 वर्ष की उम्र में 1958 में स्वीडन में पहली बार विश्व कप में हिस्सा लिया था। फाइनल मैच में मेजबान देश के विरुद्ध दो गोल दागने वाले पेले को साथी खिलाड़ियों ने जीत के बाद कंधे पर उठा लिया था। ब्राजील ने यह मैच 5-2 से जीता था। इसके अगले विश्व कप में चोट के कारण वह केवल दो मैच ही खेल सके। हालांकि, ब्राजील फिर भी चैंपियन बना था। 1970 में मेक्सिको में खेला गया विश्व कप पेले के जीवन का यादगार टूर्नामेंट बन गया। उन्होंने इस विश्व कप के फाइनल में एक गोल करने के अलावा कार्लोस अल्बर्टो को पास देकर गोल करने में मदद भी की थी। ब्राजील ने यह फाइनल 4-1 से जीता था। सुनहरे पीले रंग की ब्राजीली जर्सी और उसपर अंकित 10, पेले की प्रशंसकों के बीच पहचान बन गई थी। मैदान पर चपलता, गेंद पर नियंत्रण और खिलाड़ियों को चकमा देने की क्षमता पेले को अन्य खिलाड़ियों से अलग करती थी।