शिमला : हिमाचल प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से शिष्टाचार मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को भरोसा दिया कि वे राज्यपाल के मार्गदर्शन में हिमाचल प्रदेश का विकास करेंगे और पूरे देश में उसे एक आदर्श राज्य बनाएंगे. वहीं, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश की नई ऊंचाइयों को छूएगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल भवन और हिमाचल सदन में विधायकों को रियायती दरों पर भोजन नहीं मिलेगा. अब उन्हें भी आम आदमी की तरह पैसे देकर भोजन करना होगा.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ शिष्टाचार मुलाकात के दौरान हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि मैंने विधानसभा में सुखविंदर सिंह सुक्खू का प्रदर्शन देखा हुआ है. वे एक दूरदर्शी नेता हैं और मुझे उम्मीद है कि उनकी टीम सभी प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से करेगी.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस शिष्टाचार मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वे हिमाचल प्रदेश को विकास के मार्ग पर आगे ले जाने के लिए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मार्गदर्शन लेते रहेंगे. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि हिमाचल प्रदेश को विकास की दृष्टि से देश का आदर्श राज्य बनाया जाए.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधायकों के किराए और भोजन के खर्च का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि हमने यह तय किया है कि हिमाचल भवन और हिमाचल सदन में विधायकों का किराया और खाने का खर्च आम लोगों की तरह ही होगा. उन्होंने कहा कि पहले आम लोगों को पूरा पैसा दिया जाता था और विधायकों को रियायती दरों पर ये सुविधाएं मिलती थीं, लेकिन अब और ऐसा नहीं होगा.
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इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि बोर्डों, निगमों, सहकारी संस्थाओं, मंदिर समितियों और यूएलबी में अन्य समितियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मनोनीत सदस्यों की नियुक्तियों को समाप्त किया जाए. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल द्वारा एक अप्रैल से किए गए फैसलों की समीखा की जाएगी और जिन संस्थानों के निर्माण और अपग्रेडेशन की अधिसूचना जारी की गई थी, उन्हें भी डी-नोटिफाई किया जाएगा.