चंडीगढ़: अगस्त के अंतिम सप्ताह में हरियाणा में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ मंगलवार (7 सितंबर) को किसान महापंचायत और मिनी सचिवालय के घेराव का एलान किया गया है. सोमवार को प्रशासन ने किसानों को मनाने की कोशिश की, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे. फलस्वरूप पुलिस और प्रशासन को बड़े पैमाने पर सुरक्षा इंतजाम करने पड़े हैं. करनाल में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी है.
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि किसानों को किसान महापंचायत और मिनी सचिवालय का शांतिपूर्ण घेराव करने दें. प्रशासन ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. कई रूट को बदल दया गया है. पर्याप्त संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. दूसरी तरफ, हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी ने कहा कि प्रशासन के साथ उनकी वार्ता बेनतीजा रही.
उन्होंने कहा कि किसान पंचायत होकर रहेगी. 7 सितंबर को करनाल में महापंचायत भी होगी और मिनी सचिवालय का घेराव भी होगा. ज्ञात हो कि 28 अगस्त को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है. बैठक में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद घायलों को मुआवजा देने और दोषीअधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी थी. लेकिन, प्रशासन ने किसानों की मांगों को गैरवाजिब करार देते हुए किसी भी तरह का मुआवजा देने से इन्कार कर दिया था.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि करनाल किसान महापंचायत में मुजफ्फनगर की तरह ही पूरे देश से किसान आयेंगे. इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा होगी. एहतियातन पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी गयी है. किसी भी अप्रिय घटना से निबटने के लिए इंटरनेट सेवा ठप कर दी गयी है. सुरक्षा के लिए हरियाणा पुलिस के साथ ही अर्द्धसैनिक बलों को करनाल में तैनात कर दिया गया है.
किसानों को रोकने के लिए प्रशासन ने कमर कसी
प्रशासन ने किसानों को रोकने के लिए कमर कस ली है. कहा है कि अगर किसान कानून-व्यवस्था को धता बताने की कोशिश करेंगे, तो पुलिस और प्रशासन उन्हें रोकेगा. करनाल के जिलाधिकारी निशांत यादव ने कहा कि करनाल में किसान मंडी में किसानों ने महापंचायत बुलायी है. मैं लोगों से अपील करूंगा कि अगर जरूरी न हो, तो राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (करनाल की सीमा) पर यात्रा करने से बचें. हम सचिवालय और हाईवे को जाम नहीं होने देंगे.