सुशांत सिंह राजपूत के परिवार की ओर से CBI को लिखी गयी चिट्ठी, नये पैनल से फॉरेन्सिक जांच कराने की मांग की
नयी दिल्ली : सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में उनके पिता की पैरवी कर रहे अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा है कि कूपर अस्पताल द्वारा तैयार की गयी रिपोर्टों पर गौर करने के लिए सीबीआई निदेशक को एक नयी फॉरेन्सिक टीम गठित करने और एक राय देने के लिए कि क्या कूपर अस्पताल की राय कायम रह सकती है या नहीं, पत्र लिखा गया है. उन्होंने कहा कि मौत को फांसी कह सकते हैं या हत्या या गला दबाकर.
नयी दिल्ली : सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में उनके पिता की पैरवी कर रहे अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा है कि कूपर अस्पताल द्वारा तैयार की गयी रिपोर्टों पर गौर करने के लिए सीबीआई निदेशक को एक नयी फॉरेन्सिक टीम गठित करने और एक राय देने के लिए कि क्या कूपर अस्पताल की राय कायम रह सकती है या नहीं, पत्र लिखा गया है. उन्होंने कहा कि मौत को फांसी कह सकते हैं या हत्या या गला दबाकर.
..or whether the death can be said by hanging or to be said by murder or strangulation: Vikas Singh, Sushant
Singh Rajput's father's lawyer https://t.co/o7g8QL8yv9— ANI (@ANI) October 7, 2020
वहीं, अधिवक्ता वरुण सिंह ने बुधवार को सीबीआई को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि दिवंगत अभिनेता की फॉरेन्सिक जांच रिपोर्ट लीक होना अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक सुधीर गुप्ता का ‘गैर पेशेवर’ रवैया बताता है. उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के कारणों की फॉरेन्सिक जांच एक नया पैनल गठित कर कराने की मांग की है.
अधिवक्ता वरुण सिंह के हवाले से भेजे गये पत्र में दावा किया गया है कि यदि लीक हुई रिपोर्ट सही है, तो वह अपर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर निकाला गया ‘पक्षपातपूर्ण’ निष्कर्ष है. उन्होंने कहा कि, ”एम्स द्वारा सीबीआई को भेजी गई रिपोर्ट के बारे में मुझे मीडिया से पता चला. यह रिपोर्ट 14 जून, 2020 को हुई सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामले में सीबीआई के मत के संबंध में है. एम्स के जांच दल में शामिल कुछ डॉक्टरों को भी मैंने टीवी पर आकर उनके द्वारा की गयी फॉरेन्सिक जांच पर बयान देते हुए सुना.”
#SushantSinghRajput's family lawyer Vikas Singh writes a letter to CBI Director, raising objections over forensic examination report submitted by AIIMS to CBI & calling it faulty.
The letter reads, "Matter needs to be referred to another forensic team to be constituted by CBI." pic.twitter.com/Jlnnusf37C
— ANI (@ANI) October 7, 2020
सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि उस रिपोर्ट की एक प्रति बार-बार मांगी गयी, लेकिन एम्स के निदेशक सुधीर गुप्ता की ओर से कोई जवाब नहीं आया. परिवार ने एम्स की रिपोर्ट पर यह कहते हुए आपत्ति जतायी है कि गुप्ता के नेतृत्व वाले फोरेंसिक दल ने पोस्ट मार्टम रिपोर्ट नहीं सौंपी, बल्कि वह केवल मुंबई के कूपर अस्पताल की रिपोर्ट पर अपनी राय दे रहे थे.
सीबीआई को लिखे पत्र में कहा गया, ”इस संवेदनशील मामले पर पहले दिन से गुप्ता मीडिया को इंटरव्यू दे रहे हैं. संदिग्ध शव परीक्षण, जल्दबाजी में किये गये पोस्टमार्टम और अपराधस्थल से छेड़छाड़ पर कूपर अस्पताल के डॉक्टरों और मुंबई पुलिस से सवाल कर रहे हैं.” पत्र में कहा गया कि कूपर अस्पताल में किये गये पोस्टमार्टम में कई विसंगतियां थीं. पत्र के अनुसार मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना पोस्टमार्टम रात में किया गया और नियमों की अनदेखी की गयी, जिसपर पूरी दुनिया के कई फॉरेन्सिक विशेषज्ञ एकमत हैं.
साथ ही पत्र में कहा गया, ”पोस्ट मार्टम की वीडियोग्राफी नहीं की गयी है. भविष्य में जांच हो सके, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में विसरा सहेज कर नहीं रखा गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय दर्ज नहीं किया गया. शरीर के घावों पर ध्यान नहीं दिया गया, इसलिए उन घावों के कारणों पर कुछ नहीं कहा गया.” पत्र के अनुसार, ”रिपोर्ट में उस पैर का जिक्र नहीं है, जो फ्रैक्चर हुआ था. ऐसी कई विसंगतियां हैं, जो सावधानीपूर्वक की गयी फोरेंसिक जांच में सामने आती, लेकिन एम्स के दल ने इस पर ध्यान नहीं दिया, जैसा कि एक डॉक्टर द्वारा टीवी चैनल पर दिये गये इंटरव्यू में बताया गया.”
पत्र में कहा गया है कि, ”डॉ सुधीर गुप्ता का रवैया अनैतिक, गैर पेशेवर है और मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है.” एम्स के फॉरेन्सिक विभाग के अध्यक्ष गुप्ता ने शनिवार को कहा था कि मेडिकल बोर्ड ने राजपूत की मौत के मामले में हत्या की संभावना को नकार दिया है और इसे ”लटक कर की गयी आत्महत्या” बताया है.