Liquor Scam: हाईकोर्ट से केजरीवाल को आबकारी मामले में नहीं मिली राहत
दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निचली अदालत में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जारी कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगाने से इंकार कर दिया. हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को जवाब देने का आदेश दिया.
Liquor Scam: आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निचली अदालत में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जारी कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगाने से इंकार कर दिया. हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को जवाब देने का आदेश दिया. न्यायाधीश मनोज कुमार ओहरी ने जवाब देने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के समय देने की मांग को स्वीकार कर लिया. गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी ली जा चुकी है और इस मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की.
वहीं केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन हरिहरण ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति मामले में सातवां आरोपपत्र दाखिल किया है और केजरीवाल को आरोपी बनाया गया है. सातवें और 6ठे आरोप पत्र एक जैसे हैं. हरिहरण ने कहा कि सातवां आरोपपत्र बिना नये सबूतों के दाखिल किया गया है और गवाह भी एक समान हैं. सॉलिसिटर जनरल ने इसका विरोध करते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने व्यापक जांच के बाद आरोपपत्र दाखिल किया है. ऐसी दलील निचली अदालत पहले ही खारिज कर चुका है. हरिहरण ने कहा कि रोक लागने की मांग को स्वीकार किया जाना चाहिए. हालांकि अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को करने का आदेश दिया.
निचली अदालत के फैसले को दी है चुनौती
अरविंद केजरीवाल ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर निचली अदालत में आरोपपत्र के संज्ञान लेने को चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि बिना मंजूरी के आरोपपत्र दाखिल नहीं किया जा सकता है. विशेष न्यायाधीश ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए बिना मंजूरी के संज्ञान लिया है. साथ ही केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय के सातवें आरोपपत्र को भी चुनौती दी है. याचिका में कहा गया कि बिना नये सबूतों के यह आरोपपत्र दाखिल किया गया है.
प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व में जुटाए गए सबूतों को नये सिरे से पेश किया है, जो कानून की नजर में सही नहीं है. हाल में हाईकोर्ट ने केजरीवाल की प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत को चुनौती देने वाली याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है. साथ ही प्रवर्तन निदेशालय के समन को भी केजरीवाल ने चुनौती दी है. आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है.
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