कोरोना संकट (coronavirus outbreak) और लॉकडाउन (Lockdown) के बीच कई राज्य सरकारों ने शराब की बिक्री शुरू कर दी है जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. इस याचिका को कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह राज्यों का नीतिगत मामला है और वे होम डिलिवरी या ऑनलाइन व्यवस्था कर रहे हैं.
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हम ऐसा कोई आदेश पारित नहीं करेंगे, लेकिन राज्यों को सामाजिक दूरियों के मानदंडों और मानकों को बनाये रखने के लिए शराब की अप्रत्यक्ष बिक्री/ होम डिलीवरी पर विचार करने की आवश्यकता है.
शराब को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित कहा गया था कि दुकानों में लंबी-लंबी लाइनें नजर आ रही हैं, जिसके कारण कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में इन दुकानों को बंद कर देना चाहिए. याचिका की पैरवी कर रहे वकील जे साईं दीपक ने कहा कि शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है. सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने कहा कि राज्य सरकारें शराब की होम डिलिवरी के बारे में सोच रही हैं. आर्टिकल-32 याचिका के जरिए आप हमसे क्या चाहते हैं ? जिसपर वकील साईं दीपक ने कहा कि मैं चाहता हूं कि आम आदमी की जिंदगी शराब की दुकानें खुलने के कारण प्रभावित न नहीं होनी चाहिए. इस पर जस्टिस भूषण ने कहा कि हम कोई आदेश नहीं करते हैं, लेकिन राज्य सरकारें लोगों को अप्रत्यक्ष बिक्री या होम डिलिवरी को लेकर सोचने को स्वतंत्र हैं. इससे सोशल डिस्टेंसिंग बनी रही रहेगी. यह राज्य सरकारों का नीतिगत मसला है.
छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने शराब प्रेमियों की सहूलियत और शराब दुकान में भीड़ कम करने के लिए शराब की घर पर ही आपूर्ति के लिये सेवा शुरू की है. शराब के शौकीन अब मोबाइल ऐप और वेबसाइट के माध्यम से शराब खरीद सकते हैं. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सोमवार चार मई से सामाजिक और व्यक्तिगत दूरी का पालन करते हुए राज्य की शराब दुकानों को संचालित करने का निर्देश जारी किया है.
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जब दिल्ली में चार मई को दुकानें खुली तो पहले दिन भारी संख्या में लोग शराब दुकानों में पहुंच गये. शराब खरीदने के लिए लंबी-लंबी कतारें लग गयी. इसे देखते हए राज्य सरकार ने शराब की मौजूदा कीमत में इजाफा करते हुए 70% स्पेशल कोरोना फीस लगाने का फैसला किया है. इसके चलते अब 1000 की कीमत वाली शराब की कीमत 1700 हो गयी है. दिल्ली सरकार को उम्मीद है कि, इस कदम के बाद दुकानों में कम भीड़ होगी. साथ ही कमाई के पैसों को मरीजों के इलाज में लगाया जाएगा.
शराब दुकान खुलने के बाद महाराष्ट्र में शराब दुकानों में भारी भीड़ उमड़ी. इस भीड़ को देखते हुए महाराष्ट्र आबकारी विभाग सिर्फ मई महीने में शराब की बिक्री से लगभग 2000 करोड़ रुपये की कमाई करने का लक्ष्य रखा है. आबकारी विभाग के अधिकारी के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार को शराब की बिक्री से हर दिन लगभग 100 करोड़ रुपये की आमदनी होगी. महाराष्ट्र सरकार को हर महीने शराब की बिक्री से 1500 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है. शराब दुकान बंद रहने के कारण इतने रुपयों का नुकसान सरकार को हो रहा था.