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राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं आएंगे लाल कृष्ण आडवाणी, ये वजह आई सामने

Ayodhya Ram Mandir Inauguration: आज पूरे देश में दिवाली मनाने की तैयारी चल रही है. दरअसल, श्रीराम भक्तों को करीब 500 वर्षों से जिस पल का इंतजार था, उसके लिए अयोध्या दुल्हन की तरह सज-धज कर तैयार है. इस बीच लाल कृष्ण आडवाणी को लेकर बड़ी खबर आ रही है. जानें क्या

By Amitabh Kumar | January 22, 2024 9:15 AM

मंदिर की नगरी अयोध्या नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पूरी तरह तैयार है. इस समारोह के धार्मिक अनुष्ठानों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. इस बीच एक बड़ी खबर बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी को लेकर आ रही है. अंग्रेजी वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार, उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में सबसे आगे रहे वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी अत्यधिक ठंड के कारण आज ‘प्राण प्रतिष्ठा’ में शामिल नहीं होंगे.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से कुछ दिन पहले बीजेपी के दिग्गज नेता रहे आडवाणी का बड़ा बयान सामने आया था. आडवाणी ने कहा था कि राम मंदिर बनने का फैसला नियति ने किया था. साथ ही लालकृष्ण आडवाणी ने यह भी कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा करेंगे तब वे पूरे भारत के तमाम लोगों का प्रतिनिधित्व करते नजर आएंगे. एक मासिक पत्रिका राष्ट्रधर्म से बात करते हुए उन्होंने रथ यात्रा का जिक्र किया, साथ ही उस दौर की कई यादों को साझा किया था.

प्राण प्रतिष्ठा समारोह दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर होगा शुरू

इस बीच खबर है कि भगवान राम के बाल रूप रामलला की मूर्ति की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ में देश के प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक संप्रदायों के प्रतिनिधियों, विभिन्न आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों सहित सभी क्षेत्रों के प्रमुख लोग शामिल होंगे. प्राण प्रतिष्ठा समारोह दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा. मंदिर निर्माण ट्रस्ट की मानें तो इसके दोपहर एक बजे तक सम्पन्न होने की उम्मीद है. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सभा को संबोधित करेंगे.

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किसने तैयार की है मूर्ति

यहां चर्चा कर दें कि मैसूर के अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की नई 51 इंच की मूर्ति को पिछले गुरुवार को मंदिर के गर्भगृह में रखा गया था. मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार, मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से और निकास दक्षिण दिशा से होगा. मंदिर तीन मंजिला होगा. मुख्य मंदिर तक पहुँचने के लिए श्रद्धालु पूर्वी दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़ेंगे. पारंपरिक नागर शैली में निर्मित मंदिर परिसर 380 फीट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा. मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची होगी और इसमें 392 खंभे और 44 द्वार होंगे.

भाषा इनपुट के साथ

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