Loan moratorium, New rules from 1st september: लॉकडाउन और कोरोना संकट की वजह से देश में कई नये नियम लागू किए गए, जिन्हें कई बार बदला भी गया. अब एक सितंबर से कई नियम और चीजें बदलने वाली हैं जिसका सीधा असर आप पर होगा. ये बदलाव आपको आर्थिक रूप से प्रभावित कर सकते हैं. ये बदलाव कुछ समयसीमाओं और कुछ नियमों से जुड़े हैं. जिन चीजों में बदलाव होने वाला है उसमें मुख्य रूप से एलपीजी,होमलोन, ईएमआई , विमान सेवाओं सहित कई और चीजें शामिल हैं.
बता दें कि कोरोना काल के कारण आरबीआई ने ईएमआई चुकाने पर 6 महीने की मोहलत दी थी, जिसे मोरेटोरियम कहते हैं. आज यानि 31 अगस्त को उसकी आखिरी तारीख है. यानि आज से लोन ईएमआई को चुकाने पर मिल रही मोहलत खत्म हो रही है. कोरोना संकट के कारण वेतन में कटौती और नौकरी गंवाने से मध्यमवर्ग के लिए यह एक और बड़ा झटका है. ऐसे में एक सितंबर से ईएमआई चुकाने वाले ग्राहकों को जेब पर असर पड़ेगा. आइए आपको बताते हैं एक सितंबर से हो रहे बदलावों के बारे में
एक सितंबर से एलपीजी के दाम में बदलाव आ सकता है. हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बदलाव होता है. ऐसा माना जा रहा है कि तेल कंपनियां एलपीजी , सीएनजी और पीएनजी कीमतें कम कर सकती हैं.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 1 सितंबर से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमान यात्रियों से अधिक विमानन सुरक्षा शुल्क (एएसएफ) वसूलने का फैसला किया है. अब घरेलू हवाई यात्रियों को एएसएफ के तौर पर 150 रुपये के बजाय 160 रुपये का भुगतान करना होगा. वहीं अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को एक सितंबर से 4.85 डॉलर के बजाय 5.2 डॉलर बतौर एएसएफ चुकाना होगा. इस राशि का इस्तेमाल पूरे देश के हवाईअड्डों की सुरक्षा व्यवस्था पर किया जाता है.
Also Read: कोरोना के कारण अब अगले 4 दिन बैंक और एटीएम में नए नोट की होगी किल्लत! ये है कारण
आरबीआई द्वारा घोषित लोन मोरेटोरियम यानी ईएमआई के स्थगन की अवधि 31 अगस्त को खत्म होने वाली है. लॉकडाउन में कर्जदारों को पैसे की कमी से राहत देने के लिए आरबीआई ने लोन मोरेटोरियम का एलान किया था. पहले यह तीन माह के लिए था लेकिन बाद में इसे और तीन माह के लिए बढ़ा दिया गया. यानी अब 6 माह की लोन मोरेटोरियम राहत 31 अगस्त को खत्म हो रही है.
सरकार ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर के भुगतान में देरी की स्थिति में एक सितंबर से कुल टैक्स देनदारी पर ब्याज लगाया जाएगा. इस साल की शुरुआत में उद्योग ने जीएसटी भुगतान में देरी पर लगभग 46,000 करोड़ रुपये के बकाया ब्याज की वसूली के निर्देश पर चिंता जताई थी. ब्याज कुल देनदारी पर लगाया गया था.
ऐप आधारित कार सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी ओला और उबर के ड्राइवरों ने दिल्ली-एनसीआर में 1 सितंबर से हड़ताल की धमकी दी है. कैब ड्राइवरों ने अपनी कई मांगों जैसे किराये में बढ़ोतरी और लोन रिपेमेंट मोरेटोरियम के विस्तार को लेकर हड़ताल जाने की धमकी दी है.
Posted By: Utpal kant