लोन मोरेटोरियम मामले में सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा. इससे पहले पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट में भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि कोरोना संक्रमण से प्रभावित क्षेत्रों को अब और राहत नहीं दी जा सकती है. छह महीने से अधिक की अवधि के लिए लोन मोरेटोरियम की सुविधा नहीं दी जायेगी.
सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए केंद्रीय बैंक ने बताया कि दो करोड़ से ज्यादा के ऋृण पर राहत देना बैकिंग क्षेत्र के लिए नुकसानदेह है हालांकि उन्होंने दो करोड़ के ब्याज पर ब्याज माफ करने को लेकर सहमति दी थी. आरबीआई ने बताया कि इसका देश की अर्थव्यस्था पर असर पड़ेगा. इससे उधारकर्ताओं के लिए पुनर्भुगतान के लिए दबाव बढ़ेगा.
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि कई क्षेत्रों में राहत पैकेज दिया गया. अब इसे जारी रखना संभव नही है हालांकि इस मामले में सरकार ने कहा, वित्त के मामले में कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए . कोर्ट अब इस पूरे मामले पर कल यानि 23 मार्च को सुनवाई करेगा.
ऋृण खातों में उधारकर्ताओं को चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के पूर्व-भुगतान के अनुदान के लिए इस योजना को लाया गया. इस योजना की मदद से सरकरा ऋण के ब्याज वाले हिस्से पर किसी भी ब्याज को वापस करेगी इसमें उधार देने वाला बैंक इस ‘ब्याज पर ब्याज’ जमा करेगा.