चार मई से देशभर में लॉकडाउन का तीसरा चरण जारी है जो 17 मई तक चलेगा. यदि आपको याद हो तो गृह मंत्रालय के निर्देश पर इंडियन रेलवे ने अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजूदरों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए कई ट्रेनें शुरू की हैं. इन स्पेशल ट्रेनों को ‘श्रमिक स्पेशल ट्रेन’ का नाम रेलवे की ओर से दिया गया है.
रेल मंत्रालय की मानें तो सोमवार तक इस तरह के 58 स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था करने का काम किया जा चुका है. इधर रेल मंत्रालय के सूत्रों से ये बात सामने आ रही है कि अगले कुछ दिनों में इस तरह की 300 और ट्रेनें चलाने की मांग की जा सकती है, जिसके लिए रेलवे पूरी तरह से कमर कस चुका है.
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रेल मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो इसके लिए केवल भेजने वाले और जहां पहुंचना है, उन राज्य की सरकारें आपस में बात कर ट्रेन चलवाने की मांग कर सकते हैं. इन ट्रेनों में प्रवासी मजदूरों के अलावा विभिन्न राज्यों में फंसे स्टूडेंट्स, शरणार्थी, टूरिस्ट को भी घर भेजने की व्यवस्था की मांग रेलवे से की जा सकती है.
ट्रेनों में किराया वसूलने के नाम पर राजनितिक बयानबाजी का दौर सोमवार से जारी है. विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि विदेशों में फंसे लाखों लोगों को एयर इंडिया मुफ्त में भारत लेकर आयी, लेकिन गरीब मजदूरों से गांव जाने के पैसे वसूले जा रहे हैं. इसके बाद रेलवे ने स्पष्ट कहा कि किराया मजदूरों से नहीं वसूला जा रहा है बल्कि एक मानक किराया राज्य सरकारों से लिया जा रहा है.
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इंडियन रेलवे की ओर से ये साफ कहा गया है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन का केवल एक गंतव्य होगा. ट्रेन बीच में कहीं नहीं रुकेगी. यही नहीं श्रमिक स्पेशल ट्रेन 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए चलाने का काम रेलवे करेगी. इस तरह की हर ट्रेन में 1000 से 1200 यात्रियों को बैठने की सुविधा रेलवे की ओर से की जाएगी.
लॉकडाउन की वजह से फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, कामगारों, टूरिस्ट्स को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने श्रमिक ट्रेनें चलाने का फैसला लिया. ये ट्रेनें केवल उन्हीं लोगों के लिए संचालित की जा रही हैं जो लॉकडाउन की वजह से फंस गए हैं. इसके लिए स्थानीय प्रशासन को आवेदन, यात्रियों का विवरण देना होगा जिसके बाद अनुमति मिलेगी. इन ट्रेनों को राज्य सरकार के अनुरोध पर चलाया जाएगा. यात्रियों को स्क्रीनिंग के बाद ट्रेन में बैठने दिया जाएगा.
यदि आप अपने राज्य जाना चाहते है तो श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सफर कर सकते हैं. इसके लिए आपको सबसे पहले स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर आवेदन करना होगा, इसके बाद वहां के नोडल अधिकारी जो सूची तैयार करेंगे वह रेलवे को सौंपी जाएंगी.स्टेशन पर केवल उन्हीं को पहुंचने के लिए कहा गया हैं, जिन्हें प्रशासन चुनेगा.