Loading election data...

लॉकडाउन : 68% अभिभावक बच्चों की ऑनलाइन स्कूल क्लासेस से नहीं हैं खुश

लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने का फैसला आते ही लगभग 68 प्रतिशत अभिभावकों ने बच्चों की ऑनलाइन स्कूल क्लासेस को लेकर असंतुष्टि जाहिर की है.

By दिल्ली ब्यूरो | April 15, 2020 5:15 PM

महामारी के चलते की गयी लॉकडाउन का असर बच्चों की पढ़ाई पर न पड़े इसके लिए स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लासेस की शुरुआत की गयी. अब लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ा दी गयी है ऐसे में स्कूलों को भी ऑनलाइन क्लासेस की सेवा कुछ और दिनों तक जारी रखनी पड़ेगी. लेकिन लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने का फैसला आते ही लगभग 68 प्रतिशत अभिभावकों ने बच्चों की ऑनलाइन स्कूल क्लासेस को लेकर असंतुष्टि जाहिर की है.

इन अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस के दौरान टेक्स्टबुक्स की आवश्यकता महसूस होती है. वहीं 24 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा है कि डिजिटल स्क्रीन की सुविधा न होने के चलते उनके बच्चे स्कूलों द्वारा दी जा रही ऑनलाइन क्लासेस में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं.

लॉकडाउन में किए गए विस्तार के दौरान लोगों तक आवश्यक सामग्री की आपूर्ति हो सके इसके लिए केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा कई तरह के प्रयास किेए जा रहे हैं. ऐसे में देश भर के अभिभावक चाहते हैं कि आपात की इस स्थिति में पढ़ाई जारी रखने के लिए स्कूल प्रसाशन द्वारा बच्चों को टेक्स्टबुक्स, लैपटॉप, डेस्कटॉप व अन्य स्टेशनरी उपलब्ध करायी जाए.

कई स्कूलों की ओर से ऑनलाइन क्लासेस के लिए बच्चों को शिड्यूल व टाइम टेबल दिया जा चुका है. कुछ स्कूल पहले ही ऑनलाइन क्लासेस की शुरुआत कर चुके हैं. स्कूलों द्वारा इन क्लासेस का आयोजन टीम्स, जूम, स्काइप, गूगल क्लासरूम, गूगल हैंगआउट, पिज्जा आदि प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से किया जा रहा है. इसके साथ ही शिक्षक यू-ट्यूब, व्हॉट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अपने लेक्चर और क्लास नोट अपलोड कर रहे हैं.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) द्वारा भी सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को मौजूदा संसाधनों का उपयोग करते हुए छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेस आयोजित करने के निर्देश दिेए जा चुके हैं.

इसी बीच लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए देशव्यापी सर्वेक्षण से पता चला है कि ऑनलाइन क्लासेस में शामिल होनेवाले अधिकांश बच्चों के पास अपनी टेक्स्टबुक्स तक नहीं हैं.

कई बच्चे ऐसे भी हैं जो डेस्कटॉप, लैपटॉप व टैबलेट जैसे हार्डवेयर की अनुपलब्धता के कारण इन क्लासेस का हिस्सा नहीं बन पा रहे हैं. इस सर्वेक्षण में 26,545 अभिभावकों को शामिल किया गया, जिनमें कई अभिभावकों ने कहा कि उनके पास कंप्यूटर, लैपटॉप या टैबलेट में से किसी एक डिवाइस की ही उपलब्धता है, जबकि पढ़नेवाले बच्चे दो हैं. ऐसे में एक ही स्क्रीन के साथ दोनों बच्चों का ऑनलाइन क्लास में हिस्सा लेना मुश्किल हो रहा है. कुछ अभिभावकों ने बताया कि लॉकडाउन में उन्हें वर्क फ्रॉम होम करना पड़ रहा है. ऐसे में एक ही डिवाइस होने के कारण बच्चे की ऑनलाइन क्लास के लिए उन्हें अपना काम रोकना पड़ता है.

Next Article

Exit mobile version