नयी दिल्ली : मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति फिरोज बख्त अहमद ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए लॉकडाउन रमजान के पवित्र महीने के खत्म होने तक (24 मई) बढ़ा देना चाहिए.
उन्होंने पत्र में यह भी कहा कि अगर लॉकडाउन तीन मई के बाद खोला जाता है तो ऐसे में बहुत सारे लोग खरीददारी करने और इबादत के लिए एकत्र हो सकते हैं. रमजान का महीना इस सप्ताहांत आरंभ होगा. अहमद ने तबलीगी जमात से जुड़ी घटना और कुछ स्थानों पर चिकित्सकों पर हमले की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह की चीजों को लेकर वह मुस्लिम समुदाय की तरफ से माफी चाहते चाहते हैं. उनके पत्र के बारे में पूछे जाने पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार सही समय पर फैसले कर रही है.
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प्रधानमंत्री को लिखे पत्र पर अहमद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, मैं जो बातें कर रहा हूं वो देशहित और मुस्लिम समाज के हित में है. तबलीगी जमात की घटना के बाद अब ऐसा कोई काम नहीं होना चाहिए जिसके लिए हमारे समुदाय को जिम्मेदार ठहराया जाए.
उन्होंने कहा, तबलीगी जमात के लोगों की वजह से पूरे मुस्लिम समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि मुसलमानों का बहुत छोटा तबका इससे संबंधित है.
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकेट को लेकर पहले तो 21 दिनों के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, जो 14 अप्रैल को ही खत्म हो गया. लेकिन देश के सभी राज्यों की मांग पर पीएम मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. देश में कोरोना के खिलाफ जंग में लॉकडाउन ने बड़ी भूमिका निभायी है. इसका प्रमाण है कि देश के दो राज्य गोवा और मणिपुर कोरोना से मुक्त हो चुका है, जबकि देश के 61 जिलों में पिछले 14 दिनों से एक भी कोरोना के केस नहीं आये हैं.