मोदी सरकार लॉकडाउन बढ़ाएगी या नहीं? जानिए 5 वो वजहें जो कर रहीं इशारा

कोरोनावायरस खतरे के मद्देनजर देश में लागू लॉकडाउन 3.0 17 मई के बाद खत्म होगा या नहीं. यह सवाल सभी के मन में चल रहा है. लॉकडाउन 1.0 और लॉकडाउन 2.0 के मुकाबले केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 3.0 में जरूर थोड़ी राहत दी है, लेकिन सवाल यह है कि लॉकडाउन कब खुलेगा? लॉकडाउन खुलेगा या नहीं यह तो सरकार के आधिकारिक आदेश के बाद ही तय होगा, लेकिन देश में कोरोनावायरस के कारण जिस तरह से हालात होते जा रहे हैं, उसमें नहीं लग रहा है कि लॉकडाउन अभी खत्म होगा. आइये जनाते हैं वो पांच बातें जिसके कारण लॉकडाउन 17 मई से आगे भी बढ़ सकता है.

By AvinishKumar Mishra | May 9, 2020 2:54 PM

नयी दिल्ली : कोरोनावायरस खतरे के मद्देनजर देश में लागू लॉकडाउन 17 मई के बाद खत्म होगा या नहीं? यह सवाल सभी के मन में चल रहा है. लॉकडाउन 1.0 और लॉकडाउन 2.0 के मुकाबले केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 3.0 में जरूर थोड़ी राहत दी है, लेकिन सवाल यह है कि लॉकडाउन कब खुलेगा? लॉकडाउन खुलेगा या नहीं यह तो सरकार के आधिकारिक आदेश के बाद ही तय होगा, लेकिन देश में कोरोनावायरस के कारण जिस तरह से हालात होते जा रहे हैं, उससे नहीं लग रहा है कि लॉकडाउन अभी खत्म होगा. आइये जानते हैं वो पांच बातें जिसके कारण लॉकडाउन 17 मई से आगे भी बढ़ सकता है.

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9 दिन में 25000 से अधिक केस- लॉकडाउन नहीं खत्म होने की सबसे बड़ी वजह कोरोनावायरस के बढ़ रहे मरीजों की संख्या है. मई महीने में अब तक 9 दिनों में कोरोना वायरस के 25000 से अधिक केस सामने आ चुके हैं. यह किसी भी महीने या दिनों के अनुपात में सबसे अधिक केस है. कोरोनावायरस मरीजों की इस रफ्तार में लॉकडाउन खोलना आत्मघाती फैसला हो सकता है. इसलिए सरकार शायद ही लॉकडाउन खत्म करे.

प्रवासी मजदूरों के कारण– लॉकडाउन खत्म नहीं होने का दूसरा सबसे बड़े कारण पलायन मजदूरों की घरवापसी है. अभी तक देश में सिर्फ 2.5 लाख मजदूर अपने घर पहुंचे हैं. एक अनुमान के मुताबिक देश में 1.4 करोड़ लोग माइग्रेंट मजदूर हैं. अगर सभी को घर पहुंचाने का काम जारी रहा तो अभी और समय लग सकता है. साथ ही इन सभी मजदूरों को सेटल करने में भी समय लगेगा. इसलिए लॉकडाउन खत्म होने की संभावनाएं बहुत कम है.

तीन बड़े संस्थान पक्ष में नहीं– कोरोनावायरस पर काम कर रहे तीन बड़े संस्थान देश से लॉकडाउन खत्म करने के पक्ष में नहीं है. इनमें एक एम्स और उसके निदेशक, दूसरा आईसीएमआर और तीसरा स्वयं स्वास्थ्य मंत्रालय. एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया सीधे तौर पर मीडिया से कह चुके हैं कि कोरोनावायरस का पीक फेज आना अभी बाकी है. ऐसे में सरकार लॉकडाउन खत्म करने पर विचार शायद ही करे.

मृत्यु दर में बढ़ोतरी– भारत में पिछले सात दिनों में मृत्यु दर में बढ़ोतरी हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार भारत में अभी मृत्यु दर 3.3 फीसदी है, जो कि पहले की तुलना में काफी अधिक है. वहीं गंभीर मरीजों की संख्या 4 फीसदी हो गयी है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार शायद ही लॉकडाउन खत्म करने पर कोई फैसला ले.

वैक्सीन निर्माण में देरी- कोरोनावायरस के उपचार के लिए सरकार के पास अभी लॉकडाउन के अलावा कोई बड़ा हथियार नहीं है. सरकार अगर लॉकडाउन खत्म करती है और मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगे तो, ऐसे स्थिति में संभालना मुश्किल हो जायेगा. इसलिए माना जा रहा है कि देश में जब तक कोरोनावायरस की वैक्सीन आ नहीं जाती है या कोरोना की रफ्तार मंद नहीं पड़ जाती है तब तक सरकार शायद ही लॉकडाउन खत्म करे

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