कोरोनावायरस का संक्रमण देशभर में तेजी से फैलता जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो देश के पांच राज्य महाराष्ट्र, यूपी, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और केरल में सबसे अधिक 60% नए केस सामने आ रहे हैं. इसके अलावा पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में भी कोरोना की रफ्तार तेज है. इसके बावजूद इनमें से अधिकांश राज्य इस बार लॉकडाउन लगाना नहीं चाहता है. खासकर यूपी सरकार ने तो लॉकडाउन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक में पहुंच गई. पिछली बार सख्ती से लॉकडाउन लगाने वाले ये राज्य इसबार पीछे क्यों हट रही हैं. आइए जानते हैं.
कोरोना और लॉकडाउन को लेकर बात सबसे पहले करते हैं यूपी का. यहां पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्णय दिया कि पांच शहरों में लॉकडाउन लगाया जाए, लेकिन योगी सरकार ने इसे लागू करने से मना कर दिया और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई में हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी.
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बावजूद यूपी सरकार के इस स्टैंड से राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि योगी सरकार विधानसभा चुनाव से पहले किसी भी तरह का रिस्क अब नहीं लेना चाहती है. दरअसल, यूपी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. अगर ऐसे वक्त में लॉकडाउन लगा दिया जाता है तो, हालात और बिगड़ सकती है. वहीं पिछले दिनों ही रोजगार के मुद्दे पर युवाओं ने योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. इस सबको देखते हुए यूपी सरकार इलेक्शन से पहले कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है.
पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में भी कोरोना का तांडव जारी है. राज्य में 10 हजार से अधिक केस रोज आ रहे हैं, जबकि मौत का आंकड़ा भी दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. वहीं सीएम विजय रुपाणी ने कहा है कि यहां पर लॉकडाउन नहीं लागू होगा.
दरअसल, गुजरात में यह फैसला वहां के कारोबारी वर्ग को देखकर लिया गया है. गुजरात में 2022 में चुनाव होना है. पिछली बार बीजेपी का परफॉर्मेंस पूरे गुजरात में कमजोर था, लेकिन सूरत कमें मिली दमदार जीत ने पार्टी को सत्ता में पहुंचाया. बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी अब यहां भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है.
यूपी और गुजरात के अलावा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी लॉकडाउन की मांग को खारिज कर दी है. ममता बनर्जी ने एक चुनावी रैली में कहा कि यहां लॉकडाउन नहीं लागू किया जाएगा. बताते चलें कि बंगाल में चुनावी घमासान के बीच कोरोना एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है. टीएमसी प्रमुख कोरोना की दूसरी लहर के लिए पहले ही मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहरा चुकी है. ममता इसी के साथ लगातार चुनाव आयोग पर भी आठ फेज में इलेक्शन कराने के फैसले पर सवाल उठा रही है.
वहीं लॉकडाउन नहीं लगाने का ऐलान कर ममता बनर्जी कोलकाता के कारोबारियों को साधना चाहती है. कोलकाता में 11 सीटों के लिए 26 और 29 अप्रैल को मतदान होना है. बंगाल में प्रत्येक दिन करीब 10 हजार नए केस आ रहे हैं.
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Posted By: Avinish kumar mishra