जुलाई में फिर हो सकता है टिड्डी दल का हमला, UN ने जारी की चेतावनी
Locust attack in India : भारत में टिड्डी दल का खतरा कम नहीं हुआ है. यह जुलाई में फिर से एकबार राजस्थान और मध्यप्रदेश के खेतों और फसलों पर हमला कर सकता है. इसके अलावा, 16 अन्य राज्यों को भी इससे नुकसान पहुंच सकती है. यह चेतावनी यूनाइटेड नेशन की फूड इकाई फूड एंड एग्रिकल्चर ऑर्गेनाइजेशन यूनाइटेड नेशन ने जारी की है.
नयी दिल्ली : भारत में टिड्डी दल का खतरा कम नहीं हुआ है. यह जुलाई में फिर से एकबार राजस्थान और मध्यप्रदेश के खेतों और फसलों पर हमला कर सकता है. इसके अलावा, 16 अन्य राज्यों को भी इससे नुकसान पहुंच सकती है. यह चेतावनी यूनाइटेड नेशन की फूड इकाई फूड एंड एग्रिकल्चर ऑर्गेनाइजेशन यूनाइटेड नेशन ने जारी की है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एफएओ ने एक बयान में कहा कि टिड्डी दल अभी दक्षिण पश्चिम इलाके में है, लेकिन जैसे ही मॉनसून आयेगी, वैसे ही यह दल भारत की ओर आ जायेगा. एफएओ ने अपने बयान में कहा कि 1962 के बाद पहली बार टिड्डी दल नॉर्थन क्षेत्र में भी गया.
एफएओ की मानें तो मॉनसून आने से पहले जून में यह टिड्डी दल दक्षिणी ईरान में अपना आतंक मचा सकता है, जबकि जूलाई में ये हॉर्न ऑफ अफ्रीका पर हमला बोल सकते हैं. इसके अलावा, पूर्वी अफ्रीका के भी कुछ देशों में ये जुलाई में हमला बोल सकते हैं.
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10 प्रजातीय सक्रिय- इससे पहले, यूनाइटेड नेशन ने बताया था कि दुनिया भर में टिड्डियों की 10 प्रजातियां सक्रिय हैं, भारत इनकी 4 प्रजातियां देखी गयीं है. जिनमें सबसे खतरनाक रेगिस्तानी टिड्डी होती है. इसके अलावा प्रवासी टिड्डियां, बॉम्बे टिड्डी और ट्री टिड्डी भी भारत में देखी गई हैं.
2500 आदमी इतना खा जाती है अनाज- बता दें कि किसी भी देश में टिड्डी दल का हमला एक बहुत बड़ी आफत है. ये खेतों को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ खड़ी फसल को भी बर्बाद कर देती हैं. ये टिड्डियां किस हद तक नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टिड्डियों का एक छोटा दल एक दिन में 10 हाथी और 25 ऊंट या 2500 आदमियों के बराबर खाना खा सकता है. माना जा रहा है कि अगर भारत में इसके हमले को नहीं रोका गया तो, अनाज आपूर्ति की कमी हो सकती है.
गौरतलब है कि भारत में टिड्डी दल का हमला बीते साल 2019 में शुरू हुआ, जिसके बाद इस साल भी इसने राजस्थान और मध्यप्रदेश के खेतों को नुकसान पहुंचाया है. बता दें कि इससे पहले1993 के सितंबर-अक्टूबर में टिड्डी दल का खतरनाक हमला हुआ था. वर्ष 1993 में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब ही नहीं, उत्तर प्रदेश के भी कुछ हिस्सों में इन टिड्डी दलों ने नुकसान पहुंचाया था.
Posted By : Avinish Kumar Mishra