पाकिस्तान से आया ये दुश्मन कर रहा उत्तर भारत के कई राज्यों में हमला, खेत-खलिहान हर जगह इनका आतंक
पाकिस्तान से राजस्थान (Desert Locust) के रास्ते देश में प्रवेश करने वाला टिड्डी दल कई राज्यों में अपना प्रकोप दिखा रहा है. इन दिनों अब हवा के साथ यह मध्य प्रदेश के मुरैना की ओर मुड़ चुका है. टिड्डियों के इन दलों ने पन्ना, आगर, नीमच जैसे मध्य प्रदेश के इलाकों में जगह-जगह झुंड बनाकर खेत-खलिहान को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र के नागपुर में भी ये दस्तक दे चुके हैं.
पाकिस्तान से राजस्थान के रास्ते देश में प्रवेश करने वाला टिड्डी दल कई राज्यों में अपना प्रकोप दिखा रहा है. इन दिनों अब हवा के साथ यह मध्य प्रदेश के मुरैना की ओर मुड़ चुका है. टिड्डियों के इन दलों ने पन्ना, आगर, नीमच जैसे मध्य प्रदेश के इलाकों में जगह-जगह झुंड बनाकर खेत-खलिहान को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र के नागपुर में भी ये दस्तक दे चुके हैं. उत्तर भारत में यह कहर बरपा सकता है.
पाकिस्तान से आये ये आतंकी यानी टिड्डियों ने कर दिया है हमला
इन दिनों रबी की फसल को काटने का काम किसान कर चुके हैं. लेकिन बाजरे की फसलों और पेड़-पौधों पर पाकिस्तान से आये ये आतंकी यानी टिड्डियों ने हमला कर दिया है. टिड्डियों के ये दल पेड़ों की पत्तियां तक चट कर जा रहे हैं. यही नहीं ये कई पेड़ों के तने तक को नहीं छोड रहे हैं. यहां चारो ओर दिख रही है तो सिर्फ और सिर्फ टिड्डियां. ये फसलों, पेड़-पौधों को तो तबाह कर ही रहे हैं साथ ही लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बन चुके हैं.
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उत्तर प्रदेश पर भी मंडरा रहा है खतरा
उत्तर प्रदेश राज्य के कृषि विभाग ने जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटियां गठित करके टिड्डी दलों के हमलों से बचाव के लिए किसानों को हर समय तैयार रहने को कहा है. इसके लिए किसानों को हर स्तर पर जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. उप निदेशक (कृषि प्रसार) डा. धुरेंद्र कुमार ने बताया कि टिड्डी दल राजस्थान के करौली व हिण्डौन व उत्तर प्रदेश के झांसी, बरुआ सागर होते हुए मध्यप्रदेश के बबीना, मुरैना क्षेत्र में फैल गया है. अभी वहीं बना हुआ है. परंतु, हवा के साथ कभी भी उत्तर प्रदेश के आगरा व मथुरा आदि जनपदों की ओर मुड़ सकता है. इसलिए किसानों व कृषि विभाग के अधिकारियों को इस मामले में पूरी तरह से सतर्क बने रहना होगा. उन्होंने बताया कि बड़े आकार का टिड्डी दल राजस्थान राज्य से होते हुए मध्य प्रदेश से सटे बुंदेलखंड क्षेत्र की तरफ से उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुका है. अतः सभी कृषक बंधुओं से अनुरोध है इस समय सजग रहें एवं टिड्डी दल की लोकेशन ज्ञात करते रहें.
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ऐसे करते हैं हमला
टिड्डियां 1 दिन में 100 से 150 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती हैं, हालांकि इनके आगे बढ़ने की दिशा हवा की गति पर निर्भर करती है. टिड्डी दल सामूहिक रूप से लाखों की संख्या में झुंड बनाकर पेड़-पौधे एवं वनस्पतियों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. यह सभी प्रकार के हरे पत्तों पर आक्रमण करते हैं. ये टिड्डी दल किसी क्षेत्र में शाम 6 से 8 बजे के आस-पास पहुंचकर जमीन पर बैठ जाते हैं. टिड्डी दल शाम के समय समूह में पेड़ों, झाड़ियों एवं फसलों पर बसेरा करते हैं और वहीं पर रात गुजारते हैं.
ऐसे करें बचाव
कृषि विभाग के अधिकारी बताते हैं कि टिड्डी दल पर शाम के समय दवा का छिड़काव करना चाहिए. अन्यथा ये रात भर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं और फिर सुबह 8 -9 बजे के करीब वहां से निकलते हैं. अंडा देने की अवधि में इनका दल एक स्थान पर 3 से 4 दिन तक रुक जाता है. टिड्डी दल के आने पर उनको उतरने से रोकने के लिए तुरंत अपने खेत के आस-पास मौजूद घास-फूस का उपयोग करके धुआं करें, आग जलाएं, खेतों मे पटाखे फोड़कर, थाली बजाकर, ढोल-नगाड़े बजाकर आवाज करें जिससे वे वहां न बैठकर आगे निकल जाएं.
अफ्रीका में तांडव मचाने के बाद….
टिड्डी दलों के सबसे ज्यादा हमले अफ्रीकी देशों में देखने को मिलते हैं. केन्या, युगांडा, दक्षिणी सूडान, इथियोपिया, सोमालिया, सूडान में इनका बहुत ज्यादा प्रकोप नजर आता है. यमन में भी ये टिड्डियां लोगों के लिए परेशानी का सबब बनतीं हैं. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में अफ्रीका से ही टिड्डियों का दल पहुंचा जिसने अब भारत में एंट्री ले ली है.