Lok sabha chunav 2024: में कोई भी योग्य मतदाता मतदान करने से वंचित नहीं रह सके, इसके लिए चुनाव आयोग ने पहली बार कई कदम उठाए. बुजुर्ग मतदाता, दिव्यांग कई कारणों से मतदान केंद्रों पर जाने में सक्षम नहीं थे. ऐसे में चुनाव आयोग ने 85 साल से अधिक उम्र और दिव्यांग मतदाताओं के लिए पहली बार घर से मतदान की व्यवस्था सुनिश्चित की. इस पहल के कारण तमिलनाडु के थिरुवरुर में लंबाडा आदिवासियों, ग्रेट निकोबार में शोंपेन आदिवासी और अरुणाचल प्रदेश में निशी आदिवासियों ने पहली बार मतदान में हिस्सा लिया. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू के साझा प्रयासों के कारण कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पहली बार कई लोगों ने मतदान किया. चुनाव के 6 चरण पूरे होने पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि आयोग चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है और वैश्विक स्तर पर चुनाव कराने का एक मानक तय किया गया है. आयोग की कोशिश के कारण चुनाव में हर तरह के मतदाताओं को भाग लेने का समान अवसर मुहैया कराया गया और यह देश के लिए गर्व की बात है.
कैसे घर से मतदान कराने की सुविधा हुई विकसित
ऐसे मतदाताओं को मतदान की सुविधा मुहैया कराने के लिए चुनाव आयोग पिछले दो साल से तैयारी कर रहा है. मतदाता सूची को तैयार करने और इसे अपग्रेड करने के दौरान विशेष तरीके अपनाए गये. इसके लिए आयोग ने विशेष पंजीकरण अभियान और ऐसे मतदाताओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कैंप का आयोजन किया. आयोग ने मतदान से वंचित तबके को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई अन्य रणनीति पर भी काम किया. इसके तहत पहली बार घर से मतदान की सुविधा मुहैया कराने का फैसला लिया गया. 85 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं और दिव्यांग लोगों को घर से मतदान करने की सुविधा दी गयी. इस सुविधा का जमीनी स्तर पर काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. सोशल मीडिया पर ऐसे लोगों की कई कहानियां देखी जा सकती है. घर से मतदान करने के लिए मतदान और सुरक्षाकर्मियों की टीम को लगाया गया और गुप्त मतदान के सभी नियमों का सख्ती से पालन किया गया. उम्मीदवारों के एजेंट को भी साथ जाने की इजाजत दी गयी.
मतदान केंद्रों पर भी आयोग की ओर से किया गया विशेष इंतजाम
चुनाव आयोग की ओर से तय किया गया कि सभी मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर हो और वहां मतदाताओं के लिए पार्किंग, सभी वर्ग के मतदाताओं के लिए अलग लाइन, साइनेज और रैम्प की व्यवस्था हो. इसके अलावा दिव्यांग मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र पर व्हीलचेयर, आने-जाने की सुविधा हासिल करने के लिए सक्षम एप की व्यवस्था की गयी. इस एप पर चुनाव की घोषणा के बाद 1.78 लाख आवेदन हासिल हुए. ईवीएम में ब्रेल की सुविधा मुहैया करायी. बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता के लिए हिंदी और अंग्रेजी में सूचना गाइड को जारी किया गया.
कश्मीरी प्रवासी के लिए बनाए गए विशेष मतदान केंद्र
लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक कश्मीरी प्रवासी मतदान कर सकें, इसके लिए विशेष मतदान केंद्र बनाया गया. चुनाव आयोग ने पहले कश्मीरी प्रवासी के लिए मतदान की जटिल प्रक्रिया जैसे फार्म-एम को भरने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया. लेकिन यह सुविधा जम्मू और उधमपुर में रहने वाले लोगों को ही फिलहाल दी गयी गयी है. जम्मू-कश्मीर से बाहर रहने वाले कश्मीरी प्रवासियों को फार्म-एम भरना होगा, लेकिन इसके लिए उन्हें अब अधिकारी की बजाय खुद सत्यापित करना होगा. इसके लिए जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में विशेष मतदान केंद्र बनाया गया.